ई-संजीवनी ओपीडी का आज 19 मरीजों ने उठाया लाभ

छिन्दवाड़ा। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये लगाये गये कोरोना कर्फ्यू के दौरान लोगों को स्वास्थ्य सुविधायें लेने में किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पडे, इसके लिये ई-संजीवनी ओपीडी की सुविधा जिले में दी जा रही है। जिससे जिलेवासियों को अब घर बैठे ई-संजीवनी ओपीडी की सुविधा ऑनलाईन मिल रही है। बुधवार 9 जून को शाम 6 बजे तक 19 मरीजों को ई-संजीवनी ओपीडी के माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श दिया गया। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिये संबंधित हितग्राही को ईसंजीवनी ओपीडीडॉटइन /esanjeevani.in वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिसके बाद घर बैठे चिकित्सीय परामर्श एवं उपचार ई-संजीवनी के माध्यम से उपलब्ध कराये जायेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.जी.सी.चौरसिया ने जिलेवासियों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में ई-संजीवनी ओपीडी सुविधा के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ उठायें।
उल्लेखनीय है कि विश फाउण्डेशन के तकनीकी सहयोग से ई-संजीवनी के माध्यम से लोगों को घर बैठे स्वास्थ्य सेवायें, चिकित्सीय परामर्श एवं उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा जिला पंचायत परिसर में ई – संजीवनी ओपीडी का कक्ष बनाया गया है, जहां से वीडियो कॉल के द्वारा मरीजों को चिकित्सकीय परामर्श दिया जा रहा है। इसका नोडल अधिकारी डॉ.अनुपम जैन को बनाया गया है। यह सुविधा 24 घंटे नागरिकों के लिए उपलब्ध रहेगी, जिसके लिए ई- संजीवनी ओपीडी में 4 शिफ्ट में डॉक्टर्स और स्टाफ की ड्यूटी लगाई गई है।
इस सुविधा का लाभ लेने के लिये नागरिक वेबसाईट पर ऑनलाईन पंजीयन करा सकते हैं। इसके माध्यम से कोरोना के अलावा अन्य सभी बीमारियों के लिये भी डॉक्टर्स का परामर्श प्राप्त किया जा सकता। साथ ही ई-प्रिस्क्रिप्शन भी उपलब्ध कराया जाएगा। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के लिये मरीज को सर्वप्रथम वेबसाईट पर पेशेंट रजिस्ट्रेशन एवं टोकन जनरेशन में नाम, पता, आयु संबंधी जानकारी दर्ज करनी होगी। यदि कोई रिपोर्ट/एक्स-रे आदि डॉक्टर को बताना चाहते हैं तो उसे भी अपलोड करना होगा। यहां “ओके” करने के बाद आपको पंजीकृत मोबाईल नंबर पर टोकन प्राप्त होगा, जो कि मरीज की वेटिंग लिस्ट को दर्शाता है। एसएमएस से प्राप्त टोकन नंबर के माध्यम से “लॉग-इन” कर कतार में अपनी बारी का इंतजार करें, अपनी बारी आने पर “कॉल नाउ” विकल्प को चुने एवं चिकित्सक से संवाद प्रारंभ करें। संवाद पूर्ण होने के बाद आपको आवश्यकतानुसार दवा की पर्ची का ई–प्रिस्क्रिप्शन प्राप्त होगा, जिसके आधार पर आप दवाई खरीद सकते हैं। आवश्यकता के आधार पर डॉक्टर मरीजों को अस्पताल हेतु रैफरल करने की सलाह दे सकते हैं। इस प्रकार यह ई-संजीवनी ओपीडी प्रक्रिया पूर्ण होगी और लोगों को घर बैठे ही स्वास्थ्य सेवायें प्राप्त हो जाएंगी।

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