कला विविधताओं का प्रदर्शन ‘गमक’

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित बहुविध कलानुशासनों की गतिविधियों एकाग्र ‘गमक’ श्रृंखला अंतर्गत आदिवासी लोककला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा सुश्री ईशासिंह, मुंबई ने ‘पंजाबी लोकगायन’ एवं श्री आशीष श्रीवास्तव और साथी सागर ने बुन्देलखंडी मार्शल आर्ट ‘अखाड़ा’ की प्रस्तुति दी।
प्रस्तुति की शुरुआत सुश्री ईशासिंह द्वारा पंजाबी लोकगायन से हुई, जिसमें- ‘खेड़ियाँ दे नाल’, ‘चरखे दी कूख’, ‘अखियाँ च तू बसदा’, ‘बाजरे दा सिट्टा’, ‘बूहे बारियाँ’, ‘लोंग ग्बाच्या’ एवं ’काला डोरया’ आदि पंजाबी लोकगीत प्रस्तुत किये।
प्रस्तुति में मंच पर- हारमोनियम पर – श्री जितेन्द्र शर्मा, ढोलक एवं तबला- श्री रविन्द्र राव, कीबोर्ड पर- श्री दिलीप वासवानी एवं ऑक्टोपैड पर- श्री हीरेन्द्र नागिया ने संगत दी।
सुश्री ईशासिंह को संगीत विरासत में मिला, आपने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता श्री गुरनाम सिंह से प्राप्त की एवं शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दिल्ली घराने की ख्यात शास्त्रीय गायिका डॉ. मल्लिका बेनर्जी से प्राप्त की, आपने दिल्ली विश्विद्यालय से बी. ए. ऑनर्स एवं पंजाब विश्विद्यालय, पटियाला से शास्त्रीय संगीत में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की, आप राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित शास्त्रीय संगीत प्रतियोगिता की विजेता रह चुकी हैं एवं आपको साहित्य कला परिसद दिल्ली से स्कालरशिप प्राप्त है। सुश्री सिंह देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं और वर्तमान में देश के विभिन्न राज्यों में संगीत के लाइव कॉन्सर्ट आयोजित करने का कार्य कर रही हैं।
दूसरी प्रस्तुति बुन्देलखंडी मार्शल आर्ट्स ‘अखाड़ा’ की हुई, अखाड़ा अनादी काल से खेले जाने वाली लोक कला है, जिसमें लाठियों को कई प्रकार से घुमाया जाता है तथा लाठियों से बचाओ एवं बार करना दिखाया जाता है। इसमें ढाल, तलवार, भाला, फरसा, बल्लम आदि शास्त्रों को चलाने और उनसे बचने की कला दिखाई जाती है। अखाड़े में लेझम बजा कर शौर्य प्रदर्शन एवं नृत्य किया जाता है।
श्री आशीष श्रीवास्तव लगभग पच्चीस वर्षों से लोक कलाओं में निरंतर सहभागिता निभा रहे हैं, आप बारह वर्ष की आयु से श्री वीरदल जयहिंद अखाड़े के माध्यम से देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर प्रसंसनीय प्रस्तुतियाँ दी हैं और रंगमंच में भी सक्रिय सदस्यता निभाते आ रहे हैं।
प्रस्तुति में मंच पर आज आपके साथ श्री विमल कुमार जैन, तेजस्वनी नामदेव, शैलेन्द्र नामदेव, गिरिजा पटेल, दिलीप सैक्वार, उमाशंकर आठिया, कुमेंद्र पटेल, चन्दन पटेल, शैलेन्द्र पटेल, उत्कर्ष नामदेव, सुमित नामदेव ने अखाड़ा एवं श्री छोटेलाल और पंकज कुमार ने वाद्य प्रदर्शन किया।
गतिविधियों का सजीव प्रसारण संग्रहालय के सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब http://bit.ly/culturempYT और फेसबुक पेज https://www.facebook.com/culturempbpl/live/ पर भी किया गया।

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