कला विविधताओं का प्रदर्शन ‘गमक’

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में 13 अक्टूबर से आयोजित बहुविधि कलानुशासनों की गतिविधियों एकाग्र ‘गमक’ श्रृंखला अंतर्गत 30 अक्टूबर, 2020 को श्री निजाम पटेल, भोपाल के निर्देशन में सुविख्यात कथाकार भीष्म साहनी द्वारा लिखित ‘कबीरा खड़ा बाज़ार में’ नाटक का मंचन किया गया। निर्गुण संत कबीर के जीवन पर आधारित इस नाट्य प्रस्तुति में निर्देशक ने बहुत सुन्दर ढंग से यह बताने का प्रयत्न किया की कबीर सभी धर्मों को मानने वाले थे, वह धर्म को बेहतर समाज बनाने के साधन के रूप में देखते थे, ना कि समाज को बांटने का कारण। नाटक में दिखाया गया है कि निर्धन मुस्लिम परिवार द्वारा अपनाया गया एक अनाथ काफी संघर्ष के बाद स्वामी रामानन्द का शिष्य बन गया, कबीर निर्गुण भक्ति परंपरा के ज्ञान मार्ग संत थे, उन्होंने किसी धर्म विशेष को अपनाने को नहीं कहा बल्कि ईश्वर व मानवता के प्रति प्रेमभाव की वकालत की। कबीर के प्रेरक दोहे व उनकी वाणी ने उन्हें लोकप्रिय बनाया।
निज़ाम पटेल को वरिष्ठ रंगकर्मी एवं नाट्य निर्देशक स्व.हबीब तनवीर एवं कई वरिष्ठ रंग निर्देशकों के सानिध्य में रंगकर्म को सीखने समझने और अभिनय करने का अवसर प्राप्त हुआ, श्री पटेल ने 33 वर्ष की रंगकर्म यात्रा के दौरान दृश्य विधान कार्यशाला रंगमंडल भारत भवन, जूनियर डायरेक्टर वर्कशॉप दिल्ली सहित अन्य रंगशालाओं में शिरकत की और रंगकर्म की बारीकियों को सीखा, श्री पटेल ने 55 नाटकों की 400 से अधिक प्रस्तुतियों में अभिनय किया है।
मंच पर – कबीर- अजय श्रीवास्तव, अज्जू कोतवाल -निज़ाम पटेल, लोई – जूली प्रिया, कायस्थ- गणेश धुर्वे, रैदास -विकास सिरमोलिया महंत, सिपाही- सईद उद्दीन महंत, ग्रामीणी- आरफा क़ुरैशी, भिखारी- सुनील गोटिल शेख, सेना- आदित्य करतारिया पीपा – अदनान खान, बशीरा – अंगद घेटे, मां – उषा यादव, सिपाही- इकबाल हिंदुस्तानी अलसमद
सिकंदर लोधी- प्रखर सक्सेना, नागरिक एवं मंडली- रवि मौर्य, फ़राज़ खाँन, सुफियान, जितेंद्र अहिरवार, दारैन खान, ज़ीशान आदि कलाकारों ने शिरकत की।
मंच परे- मंच व्यवस्थापक – शावेज़ सिकंदर, सहायक – अंगद घेटे, क़मर घौस, मंच परिकल्पना- निज़ाम पटेल, मंच सामग्री- शकील चांद , फ़िरोज़ खान, वेशभूषा – राहत खान
प्रकाश परिकल्पना एवं संचालन- लोकेंद्र प्रताप सिंह, कौरस – रवि मौर्य, अंगद घेटे, फ़राज़ खान, संगीत – विकास सिरमोलिया, ताल वाद्य – जितेंद्र अहिरवार, सुनील गोटिल
रूप सज्जा- नूरजहां एवं इस्माइल खान की थी।
गतिविधियों का सजीव प्रसारण संग्रहालय के सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब http://bit.ly/culturempYTऔर फेसबुक पेज https://www.facebook.com/culturempbpl/live/ पर भी किया गया।

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