किसान खेत पाठशाला अभियान – भोपाल जिले के मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण संपन्न

भोपाल। संभाग आयुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने किसान खेत पाठशाला के मास्टर ट्रेनर्स सहित अन्य विभागों के समन्वय में अधिकारियों से कहा है कि इस अभियान की अवधारणा के अनुरूप किसानों को नई तकनीक की जानकारी, कृषि की लागत में कमी और उत्पादकता बढ़ाकर आय में वृद्धि के लिए प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि कृषि भूमि के शत-प्रतिशत उपयोग के साथ ही अन्य उत्पादक गतिविधियों को बढ़ाकर अतिरिक्त आय में वृद्धि करने की सीख किसानों को दी जाए।
कृषि अनुसंधान संस्थान नवी बाग में संपन्न कार्यशाला में कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया,जिला पंचायत सीईओ श्री विकास मिश्रा सहित सभी एसडीएम, जनपद सीईओ, कृषि,मत्स्य, उद्यानिकी, पशु पालन, कुक्कुट पालन विभाग के अधिकारी, बैंकर्स, किसान और वैज्ञानिक उपस्थित थे। कार्यशाला में लगभग 100 मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया गया।
श्री कियावत ने कहा कि किसान खेत पाठशाला का यह अभियान अनवरत जारी रहेगा। अभी रबी और जायद फसलों के लिए यह अभियान है, इसी तरह प्रत्येक सीजन के लिए यह टीम काम करेगी। उन्होंने कहा कि वर्षा भी अच्छी हुई है और जलाशय भी भरे हुए हैं ऐसे में किसानों को सही राह दिखा कर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने खाद -बीज -उर्वरक और सिंचाई के संबंध में कृषको को जागृत किए जाने की जरूरत बताई। श्री कियावत ने कहा कि खेती में महिलाओं के योगदान के दृष्टिगत उन्हें भी शिक्षित किया जाए। उन्होंने मास्टर ट्रेनर्स से कहा है कि वे किसानों में भरोसा पैदा करें और उन्हें अपना मित्र बनाएं जिससे किसानों की हर बात शासन प्रशासन तक भी पहुंच सके। उन्होंने कहा कि पाठशाला के लिए कोटवार, पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, किसान बंधु और किसान दीदी सभी मिलकर किसानों के बीच वातावरण
निर्माण कर उन्हें किसान खेत पाठशाला में आमंत्रित करेंगे। श्री कियावत ने कहा कि नरवाई जलाने से मिट्टी की गुणवत्ता नष्ट होती जाती है और मिट्टी में रहने वाले कृषक मित्र जीव जैसे केंचुआ भी मर जाता है। कृषको को नरवाई न जलाने के लिए प्रेरित करें और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर श्री अविनाश लवानिया ने मास्टर ट्रेनर्स से कहा कि वे अपने प्रभार के गांवों की विशेषता देखकर किसानों को कोई एक-दो फसलें क्लस्टर के रूप में लेने के लिए तैयार करें, जिससे मार्केटिंग के नए द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा कि एक जैसी फसल लेने से खाद-बीज और उर्वरक का समन्वय आदि एक जैसा होगा, जिससे लागत कम होने के साथ ही पूरे क्लस्टर में एक गुणवत्ता की फसल होगी। उन्होंने कहा कि जिले में अच्छी पंचायतों का चयन कर मॉडल के रूप में विकसित करें।
कार्यशाला को सीईओ श्री विकास मिश्रा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कस्टम हायर सेंटर को बढ़ावा देने और बड़े गांव में तकनीकी के प्रदर्शन कराने की बात कही। उन्नत कृषक श्री भोरूलाल पाटीदार ने भी अपनी विकास यात्रा बतायी। संयुक्त संचालक कृषि श्री बी एल बिलैया सहित कृषि वैज्ञानिकों, पशु पालन, मछली पालन, उद्यानिकी आदि विभागों के अधिकारियों ने मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया।

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