सघन सोसायटी फॉर कल्चरल एवं वेलफेयर, भोपाल द्वारा तीन दिवसीय ऑनलाइन नाट्य समारोह के समापन दिवस दिवस 10 अगस्त, 2020 सघन रंग समूह यूट्यूब चैनल एवं फेसबुक में सुनील मिश्र लिखित नाटक तात्या टोपे आनंद मिश्रा के निर्देशन में सघन भोपाल के कलाकारों द्वारा प्रदर्शित किया गया।
नाटक में तात्या टोपे सन् 1857 के अंग्रेजों के विरूद्ध हुये विद्रोह में एक जाबाज सिपाही थे। वे चीते के जैसे चपल एवं चतुर थे। इन्होंने विदेशी हुकुमत से जमकर मोर्चा लिया था। कठनाईयां झेली, संघर्ष किये एवं पराजय भी झेली, फिर भी हार नहीं मानी। वो कूटनीतिज्ञ के साथ-साथ अच्छे योद्धा भी थे, जिनको शिवपुरी में 18 अप्रैल 1859 को फांसी दी गई। अंग्रेज इन्हें कभी पकड़ नहीं पाते अगर इनके विश्वास पात्र मानसिंह ने इनके साथ धोखा नहीं किया होता। क्योंकि मानसिंह के सहारे ही अंग्रेजों ने इन्हें धोखे से पकड़ा था। तात्याटोपे ने भारत मां के सपूत होने का फर्ज़ निभाया। उन्होंने बाजीराव पेशवा और नाना साहब के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अंग्रेजों को लोहे के चने चबाने पर मजबूर कर दिया। मंच पर कलाकारों ने विशाल आचार्य, अनुप शुक्ला, हिमांषी गुप्ता, शिवेन्द्र सिंह, शाक्षी शुक्ला, प्रभाकर दुबे, रजत, पवन, अनुराग जैन, सोनाली धुर्भे, ऊषा यादव, अंकित धुर्भे, समर्थ माहोर, विवेक सिंह, ललित सिंह, मानेंद्र मारन, उदयभान यादव, राधेश्याम, राम दास सहारे, शेलेन्द्र रघुवंशी, अर्चना कुमार, हिरू चटर्जी, मनीश बनसोड़ ने अपने अभिनय के जौहर दिखाये। नाटक का संगीत सुरेन्द्र वानखेड़े द्वारा किया गया। नाटक का मुख्य आकर्षण नृत्य-अभिनय था, जिसकी कारियाग्राफी चन्द्रमाधव बारीक ने की। वेष-भूषा रचनामिश्रा एवं प्रकाश परिकल्पना मनोज मिश्रा। प्रापर्टी निर्माण दीपक सोनी।