नीम अन्य पेड़ों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन देता है – डॉ. मिश्र

भोपाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय ने कोविड 19 महामारी द्वारा प्रस्तुत की गई चुनौतियों का सामना करने के लिए संग्रहालय के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने कई अभिनव प्रयास प्रारंभ किए है। इसके अंतर्गत सप्ताह का प्रादर्श, ऑनलाईन प्रदर्शनी एवं अरिष्ट वन नामक एक नवीन श्रृंखला प्रस्तुत कर रहा है।
इस अवसर पर, संग्रहालय के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने कहा कि नीम का संस्कृत नाम अरिष्ट है जिसका अर्थ है बीमारी से राहत। मार्गोसा वृक्ष भी इसका अन्य नाम है। नीम भारत के लगभग सभी हिस्सों में पाया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि घर में नीम का पेड़ लगाना स्वर्ग के लिए एक सुनिश्चित मार्ग है। बुरी आत्माओं से दूर रहने के लिए इसके पत्तों को मुख्य द्वार पर लगाया जाता है। दुल्हनें नीम के पत्तों से भरे पानी में नहाती हैं। नवजात शिशुओं को नीम के पत्तों पर रखा जाता है ताकि उन्हें सुरक्षात्मक आभा प्रदान की जा सके। नीम अन्य पेड़ों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन देता है। संग्रहालय में आने वाले दर्शकों और यहाँ कार्यरत लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यहां नीम के पेड़ों की एक श्रृंखला प्रारंभ की जा रही है। जिसमें लोग यहां घूमकर, बैठकर नीम के औषधि गुणों को अपने श्वास के द्वारा अंदर ग्रहण करेगें। जिससे कई प्रकार के रोगों से छुटकारा पाया जा सकेगा। इस श्रृंखला के तहत इस मुक्ताकाश प्रदर्शनी क्षेत्र में 300 नीम के पौधों को रोपने का लक्ष्य रखा गया है।
इस कार्यक्रम के दौरान बागवानी अनुभाग के अनुभाग अधिकारी श्री धीर सिंह द्वारा नीम के पौधे के महत्व का वर्णन करते हुए कहा कि ये नीम का पौधा 24 घंटों में सबसे अधिक कार्बन डाई-आक्साइड का अवशोषण करता है और इसके पत्ते, बीज,छाल सभी औषधिय गुणों से युक्त होते एवं विभिन्न बिमारियों के इलाज में इनका उपयोग होता है।
कार्यक्रम के अंत में प्रभारी अधिकारी, बागवानी श्री राजेन्द्र झारिया ने कार्यक्रम में सहभागिता के लिए यहाँ उपस्थित लोगो के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि नीम के पेड़ को आसानी से सूखी, पथरीली, उथली मिट्टी में उगाया जा सकता है। इसे बहुत कम पानी और धूप की बहुत जरूरत होती है। यह रोपण के पहले वर्ष के दौरान धीरे-धीरे बढ़ता आज कुल 21 नीम के पौधे रोप गए है।
इस अवसर पर संग्रहालय के संयुक्त निदेशक (प्रशासन एवं सुरक्षा), श्री दिलीप सिंह, कार्यालय अध्यक्ष, श्री डी. एस. राव, श्री जे. बैजू (प्रशासनिक अधिकारी) समेत बड़ी संख्या में संग्रहालय के कर्मी उपस्थित थे। जिन्होंने सोशल डीस्टेनसिंग का पालन करते हुए नीम के पौधों का रोपण किया।

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