विश्वकर्मा समाज का गौरव प्राचीन और ऐतिहासिक : मुख्यमंत्री श्री चौहान

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भगवान विश्वकर्मा की कृपा हम सब पर है। वे हमारी सृष्टि के सर्वोच्च वास्तुकार हैं। ऋग्वेद में भगवान विश्वकर्मा का दुनिया के सबसे बड़े कारीगर के रूप में उल्लेख किया गया है। समुद्र मंथन से भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ। सभी मशीनरी एवं अन्य वस्तुओं का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया है। वे निर्माण के देवता हैं। साथ ही समाज के लोग अत्यंत मेहनती, परिश्रमी और ईमानदार हैं। राज्य सरकार समाज के उत्थान के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेंगी। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ विश्वकर्मा समाज की बहनों को भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर विश्वकर्मा महापंचायत में समाज के नागरिकों को संबोधित कर रहे थे। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, वन मंत्री डॉ. कुं.विजय शाह सहित समाज के पदाधिकारी और नागरिक मौजूद थे। संत भगवान शरण बापू, डॉ. तरण मुरारी बापू, लक्ष्मण प्रसाद शास्त्री विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पुष्प-वर्षा कर विश्वकर्मा समाज के बंधुओं का स्वागत किया। उन्होंने भगवान विश्वकर्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर महापंचायत का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महापंचायत में विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बोर्ड के अध्यक्ष को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। इसमें चार सदस्य भी होंगे। उन्होंने कहा कि समाज की भागीदारी बढ़ाने के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ाए जाएंगे। युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण और व्यवसाय के लिए ऋण की व्यवस्था करेंगे। भगवान विश्वकर्मा की जायंती पर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया जाएगा। विश्वकर्मा समाज के कल्याण के लिए योजनाएँ भी बनाई जाएंगी।
संत तरूण मुरारी बापू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रदेश के विकास और सेवा में निरंतर लगे हुए हैं। विश्वकर्मा समाज के कल्याण के लिए कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में श्रीमहाकाल लोक बना कर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अभूतपूर्व कार्य किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सहृदय व्यक्तित्व के धनी हैं, जो दिन-रात प्रदेश की जनता की चिंता कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान का विश्वकर्मा समाज द्वारा बड़ी पुष्प-माला से स्वागत किया गया। विश्वकर्मा महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रेमरानायण विश्वकर्मा ने समाज की प्रमुख मांगें रखी, जिसमें विश्वकर्मा कल्याण आयोग के गठन की मांग भी शामिल थी।

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