साफ सफाई चल रही, कोरोना के नाम।
खुशी-खुशी सब कर रहे घर के सारे काम।।
खाली सड़कें हैं सभी, शहर हुए सुनसान।
दुर्घटनाएं शून्य है, चूर, दर्प, अभिमान।।
घड़ी घड़ी धुलने लगे, साबुन जल से हाथ।
नहीं स्वयं के छू रहे, नाक, कान औ’ माथ।।
वाहन सारे बंद है, रेल हवाई यान।
आम संक्रमण मिट रहा,बता रहा विज्ञान।।
क्यों होंगे अपराध अब,जब सब कुछ है बंद।
बढ़े भाव सहयोग के, मिटे मलिन छल-छंद।।
क्या होता परिवार है, समझे वर्षों बाद।
हंसी-खुशी चर्चा चले, करें सभी की याद।।
पशु-पक्षी खुश हैं सभी, समय मिला उपयुक्त।
वन-उपवन आकाश में, विचरण हैं भयमुक्त।।
खाली खुली धरा मिली, बंद हवाई शोर।
खग-मृग,वनचर जीव सब, पुलकित भावविभोर।।
कोरोना कैसे मिटे, रहें सतर्क सचेत।
करें प्रकृति से प्रेम हम, समझें यह संकेत।।
सुरेश कुशवाहा तन्मय
9893266014