वैकल्पिक उपाय की दिशा में होना होगा अग्रसर

गर्मी एवं लू से बचने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा नागरिकों के लिए छायादार जगह पर रहने तथा अपनी सुविधा अनुसार पर्दे, कूलर ,एसी का उपयोग कर तापमान कम करने की सलाह दी गई है। लेकिन पूरे मध्यप्रदेश में इन दिनों को नियमित एवं अघोषित बिजली कटौती ने लोगों को बेहाल कर दिया है। समाचारों के अनुसार शहरों में 1 से 2 घंटे तो गांवों में 2 से 8 घंटे की बिजली कटौती की जा रही है। इस कटौती की बड़ी वजह कोयले की पर्याप्त आपूर्ति ना होना बताया जा रहा है। इस विषय में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि जब बिजली सरप्लस होती है तो हम दूसरों को देते हैं लेकिन अभी हालात ऐसे नहीं हैं।
मई माह के दूसरे और तीसरे हफ्ते में गर्मी की रफ्तार और बढ़ने की संभावना है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पारे की चाल 44 से 46 डिग्री तक पहुंच सकती है, जबकि नौतपा (रोहिणी) के तपने का समय 25 से 2 जून तक होता है। बिजली की आपूर्ति में आ रही कमी को देखते हुए ऊर्जा के वैकल्पिक उपायों की दिशा में हमें ध्यान देना होगा, हरे-भरे जंगल कंक्रीट से बने मकानों में परिवर्तित होते दिखाई दे रहे हैं। यह बड़ी चिंता का विषय है, गर्मी बढ़ने की एक यह भी प्रमुख वजह मानी जा रही है। इधर मध्य प्रदेश सरकार ने मंत्रियों के बंगले और सरकारी कार्यालयों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने का निर्णय लिया है। विश्लेषकों का कहना है कि राजधानी भोपाल में 100 मेगावाट बिजली सौर ऊर्जा से उत्पादित की जा सकती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भी कहा है कि जिस तरह बिजली की मांग बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए वैकल्पिक उपाय खोजने होंगे।
यह प्रयास मंत्रियों के बंगले तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, प्रयासों की श्रंखला आगे भी जारी रहे इस और ध्यान देना होगा। आम लोगों को भी इसका महत्व समझाना होगा। सरकार को चाहिए कि सोलर पैनल लगाने के नियमों को शिथिल करें,एक जागरूकता अभियान भी आवश्यक होगा। साथ ही महत्वपूर्ण यह भी होगा कि इसके लिए निर्धारित सब्सिडी आम लोगों तक पहुंचे। मो.: 9425004536

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