इस सप्ताह का प्रादर्श है – राशि-चक्र मिश्रित धातु की एक पारंपरिक मयूर प्रतिमा

भोपाल। इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के नवीन श्रृंखला ‘सप्ताह का प्रादर्श’ के अंतर्गत सितम्बर माह के तृतीय सप्ताह के प्रादर्श के रूप में बांकुरा, पश्चिम बंगाल से संकलित कर्मकार (डोकरा) समुदाय का राशि-चक्र, मिश्रित धातु की एक पारंपरिक प्रतिमा को दर्शकों के मध्य प्रदर्शित किया गया।
इस सम्बन्ध में संग्रहालय के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि एकल सांचे में ढली एवम गोलाकार मंच पर खड़ी यह मयूर प्रतिमा अति विशिष्ट है। जिसके मुंह में एक पंचमुखी सांप है। इसके पंखों को इस तरह से नियोजित किया गया है कि अलंकृत पंख के प्रत्येक आंख की पुतली विभिन्न राशियों जैसे मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, और मीन को दर्शाती हैं। यहाँ ज्योतिष को सौभाग्य के प्रतीक एवं मांगलिक तथा सज्जा के लिए प्रयुक्त किया गया है इस प्रादर्श के निर्माण में बांकुरा, पश्चिम बंगाल के कर्मकार (डोकरा) समुदाय के लोगों ने लॉस्ट वेक्स तकनीक का इस्तेमाल किया है।
दर्शक इस का अवलोकन मानव संग्रहालय की अधिकृत साईट (https://igrms.com/wordpress/?page_id=1050) तथा फेसबुक (https://www.facebook.com/onlineIGRMS) पर के अतिरिक्त इंस्टाग्राम एवं ट्विटर के माध्यम से घर बैठे कर सकते हैं।

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