इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में इस सप्ताह का प्रादर्श है – ‘देव संग्रह’

भोपाल। इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के नवीन श्रृंखला ‘सप्ताह का प्रादर्श’ के अंतर्गत आज अगस्त माह के चतुर्थ सप्ताह के प्रादर्श के रूप में उदयपुर, राजस्थान के कुम्हार जनजाति/समुदाय के देवताओं और पैतृक नायकों का टेराकोटा भित्ति चित्रण “देव संग्रह” को दर्शकों के मध्य प्रदर्शित किया गया।

इस सम्बन्ध में संग्रहालय के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि राजस्थान के मोलेला के कुम्हार टेराकोटा भित्ति चित्रों पर अपनी रचनात्मकता के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रदर्शित देव संग्रह 182.88 सेमी ऊंचा तथा 121.92 सेमी चौड़ा एक टेराकोटा भित्ति है जिस पर 20 देवी-देवताओं और पूर्वज नायकों को पारंपरिक रूप से दर्शाया गया है। इस भित्ति पर बनाए गए मुख्य देवी-देवता गणेश, दुर्गा, सरस्वती, शिव, कृष्ण और सूर्य हैं। पूर्वज नायकों में से पंखी घोड़ा, ढोला मारू, साडु माता, लाला फूला इतवारी माता, एवं हांड माता महत्वपूर्ण हैं। सामान्यतः पूजा के लिए देवी-देवताओं और पूर्वज नायकों के लिए अलग-अलग भित्ति चित्र बनाए जाते हैं, लेकिन जब सभी को एक स्थान पर दर्शाया जाता है, तब इसे देव संग्रह के रूप में जाना जाता है। दीवार के ऊपरी हिस्से को साजा के रूप में जाना जाता है, इसमें मंदिर का एक शीर्ष भाग शामिल है और इसे पुष्पित दीवार और बुर्ज से सुसज्जित किया गया है। देव संग्रह एक कलाकार की व्यापक रचनात्मकता को दर्शाता है, जिसने इसे एक ही पैनल पर देवी-देवताओं की एक साथ उपस्थिति दर्शाने के लिए बनाया था। राजस्थान के विभिन्न लोक और जनजातीय समुदायों जैसे- भील, गरासिया, रबारी, कुम्हार, सुतार, जाट आदि द्वारा ऐसी कलात्मक और सजावटी वस्तु को रखा जाता है।

दर्शक इस का अवलोकन मानव संग्रहालय की अधिकृत साईट (https://igrms.com/wordpress/?page_id=852) तथा फेसबुक (https://www.facebook.com/onlineIGRMS) पर के अतिरिक्त इंस्टाग्राम एवं ट्विटर के माध्यम से घर बैठे कर सकते हैं।

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