कला विविधताओं का प्रदर्शन ‘गमक’

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित बहुविध कलानुशासनों की गतिविधियों एकाग्र ‘गमक’ श्रृंखला अंतर्गत रविवार को संगीत एवं कला अकादमी द्वारा डॉ. सुचित्रा हरमलकर, इंदौर द्वारा ‘व्याख्यान एवं कथक नृत्य’ की प्रस्तुति दी गई।
प्रस्तुति की शुरुआत गोस्वामी तुलसीदास कृत गणेश वंदना हुई। पश्चात ताल त्रिताल में ताल पक्ष- रायगढ़ घराने की बंदिशें, कवित्त एवं गतनिकारा, कृष्ण भक्ति पद– थानी काई-काई बोल सुणावा, ग. दी. मालगुलकर द्वारा रचित मराठी गीत रामायण प्रसंग पर आधारित सीता स्वयंवर आदि प्रस्तुतियाँ दीं। नृत्य प्रदर्शन के साथ ही दर्शकों से संवाद करते हुए अपने व्याख्यान में डॉ. हरमलकर ने रायगढ़ नृत्य घराने के ताल पक्ष की विशेषताएं बताते हुए कहा कि, कथक की अन्य शैलियों की तुलना में रायगढ़ ऊर्जा, उत्साह और सौंदर्य बोध की अनूठी शैली है। उन्होंने अपने गुरु पण्डित रामलाल जी का स्मरण करते हुए कहा कि गुरूजी ने स्वयं अनेक बंदिशों की रचना की और हमें संस्कारित किया। डॉ. हरमलकर ने ‘ताराना’ से अपनी प्रस्तुति को विराम दिया।
मंच पर नृत्य में डॉ. सुचित्रा हरमलकर मुख्य कलाकार, डॉ. योगिता मांडलिक, सुश्री आशिमा कोतवाल, सुश्री अपर्णा सानप, सुश्री अमी जैन एवं सुश्री फाल्गुनी जोशी आदि ने नृत्य प्रस्तुति दी।
सुश्री स्मिता वाजपेयी- सितार, सुश्री फाल्गुनी जोशी- पढ़ंत, श्री मयंक स्वर्णकार- गायन एवं श्री मृणाल नागर ने तबले पर संगत दी।
डॉ. हरमलकर कथक के रायगढ़ घराने की प्रतिनिधि कथक कलाकार हैं। आप देश के कई प्रतिष्ठित मंचों पर नृत्य प्रदर्शन कर चुकी हैं, रायगढ़ की दुर्लभ कठिन बंदिशों की निकासी आप अत्यंत सहजता से करती हैं तथा रायगढ़ नरेश ‘राजा चक्रधर सिंग’ की अप्रचलित रचनाओं को प्रयोग के माध्यम से कथक जगत में लोकप्रिय करने के लिए आप सतत प्रयत्नशील हैं। आप एक दक्ष कोरियोग्राफर एवं श्रेष्ठ गुरु भी हैं। नृत्य में शोध के लिए सुश्री हरमलकर को भारत सरकार द्वारा जूनियर फैलोशिप प्राप्त हुई। ‘लास्य मंजरी का समीक्षात्मक अध्ययन’ विषय पर डॉ. पुरु दाधीच के निर्देशन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई। आप मध्यप्रदेश के कई विश्वविद्यालयों के बोर्ड ऑफ़ स्टडीज की सदस्य हैं।

आपको ‘श्रृंगार मणि’, ‘मराठी गौरव’, ‘अभिनव कला सम्मान’ श्री फड़के कला स्मृति सम्मान के साथ और अनेकों सम्मान प्राप्त हैं। आप शा. महारानी लक्ष्मीबाई स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, किला भवन, इंदौर में नृत्य विभाग की विभागाध्यक्ष हैं।
गतिविधियों का सजीव प्रसारण संग्रहालय के सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब http://bit.ly/culturempYT और फेसबुक पेज https://www.facebook.com/culturempbpl/live/ पर भी किया गया।

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