ग्वालियर। खुशबूदार प्रजातियों के सुंदर-सुंदर फूल चेतूपाड़ा के सरकारी स्कूल को महका रहे हैं। वहीं स्कूल के किचिन गार्डन में पुष्पित व पल्लवित हो रहीं हरी-हरी सब्जियों की हरियाली ने सम्पूर्ण परिसर को एक नयनाभिराम बना दिया है। किचिन गार्डन में जैविक तरीके से पैदा हो रही लौकी, तोरई, भिण्डी, बैगन, पालक, मैथी, धनिया एवं हरी मिर्च जैसी पौष्टिक सब्जियाँ पककर जब यहाँ के बच्चों की मध्यान्ह भोजन थाली की शोभा बढ़ाती हैं। जाहिर है बच्चों के पोषण को इन किचिन गार्डन से नई संजीवनी मिल गई है।
जिला पंचायत ग्वालियर की पहल पर सरकारी स्कूलों के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिये केवल चेतूपाड़ा ही नहीं ग्वालियर जिले के 150 सरकारी स्कूलों में किचिन गार्डन तैयार कराए गए हैं। इनमें जनपद पंचायत मुरार के 35, घाटीगाँव के 37, डबरा के 38, एवं भितरवार के 40 शासकीय स्कूल शामिल हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री शिवम वर्मा बताते हैं कि जिले के इन शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में किचिन गार्डन बनाने के लिये उन्नत सब्जियों के बीज, कम्पोस्ट खाद तथा कृषि उपकरण खरीदने के लिये चयनित प्रत्येक विद्यालय को 5 हजार रूपए की धनराशि दी गई है। किचिन गार्डन के संचालन में स्व-सहायता समूहों की दीदी, रसोईया एवं स्कूल के शिक्षक अहम भूमिका निभा रहे हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण जब लोग बाहर की खान-पान की वस्तुओं से बच रहे थे। ऐसे में ग्वालियर के सरकारी स्कूलों के किचिन गार्डन बच्चों के लिये वरदान साबित हुए। किचिन गार्डन में जैविक तरीके से पैदा हो रहीं सब्जियों से बच्चे तो तंदुरूस्त हो ही रहे है, उनके अभिभावकों में भी खुशी की लहर है।