भोपाल। एसोसिएशन ऑफ अनुसूचित जाति/जनजाति व पिछड़ा व अल्पसंख्यक निर्धन वर्ग के आयोजन में देश की आजादी में सहयोगी शहीद वीरांगनाओं पर आधारित कार्यक्रम में 26 दिसम्बर 2020 नाटक अनंतरूपा का मंचन शासकीय माध्यमिक विद्यालय जगदीशपुर इस्लामनगर भोपाल में अजय दाहिया के निर्देशन में रंग त्रिवेणी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति भोपाल के कलाकारों द्वारा शाम 6 बजे प्रदर्शित किया गया। नाटक में स्त्री जिसने संसार को जीवन दिया है, जो हर दौर में पुरुषों के कंधे से कंधा मिलाकर चलती रही है। उसी स्त्री की वर्तमान स्थिति दयनीय हो गई है। दुर्व्यवहार भी स्त्रियों के साथ ही बहुतायत में हो रहा है।
वर्तमान में आवश्यकता है उन स्त्रियों को प्रेरित करने कि जो स्वयं को कमजोर समझ बैठी हैं। मन के जीते जीत है, मन के हारे हार यदि स्त्री मन से हार गई तो फिर बहुत देर हो जाएगी, इसलिए जरूरत है स्त्री को जागने की। स्त्री को समझना होगा कि स्त्री यदि जगत का पालन करने वाली जगदंबा है तो दुष्टों का खात्मा करने वाली महिषासुर मर्दिनी देवी दुर्गा भी है, रक्त्बीजों को नष्ट करने वाली माँ काली और रणचंडी भी है। स्त्री ही रानी लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, झलकारी बाई तथा इसी प्रकार अनंत हजारों वीरांगनाओं के रूप मे स्त्री ही है। स्त्री अपने आप मे ही अनंतरूपा है। स्त्री तुम अनंतरूपा हो। हे अनंतरूपा स्वयं को पहचानो।
मंच पर मोनिका विश्वकर्मा समीक्षा सुराना प्रतिज्ञा गिरि गोस्वामी सेजल कुशवाहा रिंकी वर्मा आराध्या जिजौतिया तनिष्का नामदेव नें सराहनीय अभिनय किया। मंच परे मार्गदर्शन – आनंद मिश्रा वस्त्र विन्यास रचना मिश्रा मंच व्यवस्था प्रभाकर द्विवेदी संगीत योगेन्द्र चन्द्रवंशी,सूनील गोटेल, रिंकी वर्मा, आशीष नागले, मोहित सोनी कोरियोग्राफी किरन मारन फोटोग्राफी सन्तोष रौरया प्रकाश परिकल्पना व संचालन प्रदीप तिवारी में योगदान रहा।