नाटक ‘तीसरा मंतर’ का हुआ प्रसारण

संगम नाट्य समिति बिलासपुर द्वारा आयोजित हबीब तनवीर स्मृति नाट्य महोत्सव के आयोजन के द्वितीय दिवस संगम नाट्य समिति बिलासपुर के फेसबुक पेज पर रंग त्रिवेणी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक समिति भोपाल की प्रस्तुति जातक कथा पर आधारित नाटक ‘तीसरा मंतर’ का प्रसारण हुआ। जिसका लेखन योगेश त्रिपाठी एवं निर्देशन संजय उपाध्याय द्वारा किया गया है।

नाटक के बारे में –
बनारस के राजा सेनक की नागराज की तगड़ी दोस्ती रहती है। एक दिन कुछ नागरिक नागराज को मार रहे थे, तो राजा उसको बचाता है। जिसके एवज में नागराज राजा को उपहार में नागकन्या देना चाहता है। परन्तु राजा मना कर देता है। राजा के मना करने पर नागराज राजा को एक मन्त्र देता है। जिससे राजा नागकन्या को देख सकता है और जब चाहे बुला सकता है। राजा मन्त्र पढ़ कर नागकन्या को देखता है, तो वह डेडू युवक से प्रणय कर रही थी। राजा नाराज हो जाता है और नागकन्या को बुलाकर पीटने लगता है। नागकन्या नागलोक जाती है और नागराज से बदला लेने को कहती है, तो नागराज नाग युवको को राजा को जलाने के लिए भेजता है। नाग युवक राजा रानी की बात सुनकर की वह निर्दोष है पूरी बात नागराज को वापस जाकर बताते है। नागराज नागकन्या की जिद पर खुद बदला लेने जाता है और राजा को दूसरा मन्त्र देता है। जिसमे वह पशु पक्षी की भाषा को समझ सकता है। वह मन्त्र से पशु पक्षी जो बात करते है वह सुन कर हंसने लगता है। बार बार हसते देख कर रानी हंसने का कारण पूछती है। तो राजा मना कर देता है, तब रानी को शक होता है कि राजा के जीवन में कोई और तो नहीं। तब राजा बताता है की एक मन्त्र से मैं चीटी मक्खी की भाषा सुन लेता हूँ। रानी वह मन्त्र बताने के लिए कहती है, राजा बताता है की मन्त्र बताते ही मै मर जाऊंगा तब भी रानी नहीं मानती तो राजा कल बताने को कह कर भ्रमण करने चला जाता है। उसको इंद्र के रूप में तथागत भगवान मिल जाते हैं और वह जान बाचने का रास्ता बताते हैं। उस रास्ते का प्रयोग कर राजा अपनी जान बचाता है।
मंच पर :-
राजा- योगेश तिवारी, रानी-विभा श्रीवास्तव, नागराज-प्रेम अस्थाना, नागकन्या- अर्चना कुमार, नाग युवक 1- अजय दाहिया, नाग युवक 2- शैलेंद्र कुशवाहा, गुरु- विशाल आचार्य, शिष्य-अनुज शुक्ला, ललित सिंह, प्रभाकर दुबे, अक्षत सिंह, नृत्य गुरु सारथी- सूरज शर्मा, चींटी-चूहा- शिंजा कुमार, गाय- पायल मांडले, चिड़िया- हिमांशी गुप्ता, घोड़ा अंशुमान सिंह, इंद्र-डेडू नवयुवक-रूपेश तिवारी, मक्खी-इंद्राणी, खुशबू चैबीतकर, पुरुष मक्खी- मानेंद्र मारन (मोनू)।

मंच परे-
हारमोनियम-रहीमुद्दीन, तालवाद्य-रवि राव, बांसुरी-विद्याधर आमटे, देहगति – चंद्र माधव बारिक, नृत्य संयोजन- राखी दुबे, प्रकाश परिकल्पना-अनूप जोशी ‘बंटी’, अभिनय प्रशिक्षण- वंदना वशिष्ठ, वेशभूषा- अर्चना कुमार, सहयोग-राकेश, रूप सज्जा- विभा श्रीवास्तव, रचना मिश्रा, हिमांशी गुप्ता, मंच परिकल्पना एवं सामग्री- प्रमोद गायकवाड़, सहयोग-शहंशाह, प्रस्तुति संयोजन-आनंद मिश्रा, लेखक-योगेश त्रिपाठी, संगीत, परिकल्पना एवं निर्देशन – संजय उपाध्याय।

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