दमोह। अल्पता विकार रोकथाम दिवस के मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता त्रिवेदी ने बताया आयोडीन एक सूक्ष्म पोषक तत्व है, यह तत्व स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में भी मददगार है। 24 घण्टे में 15 पीपीएम नमक का सेवन व्यक्ति को शारीरिक बौद्धिक रूप से चुस्त–दुरूस्त बनाने में सहायक होता है। जिले में 21 से 30 अक्टूबर दौरान आयोडीनयुक्त नमक के सेवन के लाभ आयोडीन नमक के नमूने में आयोडीन की उपस्थिति की जांच के बारे में आशा द्वारा गृह भेंट एवं शहरी एवं ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर लोगों को जागरूक किया जायेगा। किट के द्वारा उपयोग किये जा रहे, नमक के नमूने लेकर आयोडीन की जांच की जायेगी। आयोडीन नमक की उपयोगिता, इसके रख-रखाव इसकी कमी से होने वाले व्याधियों के बारे में भी अवगत कराया जायेगा।
डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि, आयोडीनयुक्त नमक के सेवन से गर्भवती महिलाओ में गर्भपात का खतरा नहीं रहता। भ्रूण के मस्तिष्क विकास में भी सहायक होता है। बच्चों में भैंगापन शारीरिक-मानसिक विकृति से भी बचाव होता है। वहीं बच्चों में भी एकाग्रता की कमी भी नहीं हो पाती फलस्वरूप बच्चे पढाई में भी अच्छा कर पाते हैं। आयोडीन की कमी से शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर होता है। गर्भवती माताओं में इसकी कमी के कारण गर्भ में पल रहे शिशु का मस्तिष्क विकास प्रभावित होता है गर्भपात अथवा मृत बच्चे के जन्म की आशंका बलवती रहती है। गूगा, बहरापन, जैसे रोग भी शिशु में जन्मजात आने की संभावना बनी रहती है।
आशाओं को किया गया उन्मुखकीकृत
आयोडीन नमक की उपयोगिता एवं नमक के नमूने की जांच के संबंध में जिला प्रशिक्षण केन्द्र में उन्मुखीकरण कार्यक्रम किया गया।
विक्रय किये जा रहे नमक के नमूनों की गई जांच
जिला खादय निरीक्षक राकेश अहिरवाल, डीसीएम ऋषि अहिरवाल द्वारा थोक एवं खुदरा व्यापारियों के विक्रय किये जाने वाले नमक के नमूने लेकर आयोडीन की जांच की।