सागर। कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए पूरे देश में किए गए लॉक डाउन के मद्देनजर प्रवासी मजदूर दो अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात में फंसे हुए थे। लॉक डाउन के बाद अपने गृह जिलों में जाने के लिए आ रहे हैं। प्रदेश सरकार के निर्देश पर उनकी सीमा तक छोड़ा जा रहा है इसके लिए प्रदेश शासन ने अतिरिक्त बसों की व्यवस्था भी की है। सागर के मालथौन चेक पोस्ट पर जो उत्तर प्रदेश की सीमा को जोड़ता है पर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक के निर्देश पर मालथौन के तहसीलदार श्री संदीप तिवारी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन पानी स्वास्थ्य एवं बसों की व्यवस्था की है। जिनमें सर्वाधिक मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के शामिल हैं। संदीप तिवारी ने बताया कि महाराष्ट्र से देवास होती हुई मालथौन तक प्रतिदिन 70 से ज्यादा बसें आ रही हैं उन बसों से मजदूरों को उतार कर जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई बसों के माध्यम से उत्तर प्रदेश की सीमा पर भेजा जा रहा है और जो बसे आ रहे उनको वापस देवास भेजा जाता है। श्री तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की सीमा पर ही बनी उत्तर प्रदेश शासन की गौशाला में प्रवासी मजदूरों को छोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो भी बस देवास से आती है आने पर समस्त प्रवासी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण, भोजन, पानी की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक लगभग 597 बसों से लगभग 2300 प्रवासी मजदूर मध्य प्रदेश की सीमा से उत्तर प्रदेश की सीमा में भेजे जा चुके हैं। श्री तिवारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह ग्राम पंचायतों के माध्यम से एवं जागरूक व्यक्तियों द्वारा लंगर लगाकर भोजन पानी कराया जा रहा है।