विश्व पर्यावरण दिवस पर ग्रीन प्लानेट बाइसिकल राइडर्स एसोसिएशन द्वारा साईकल रैली का आयोजन

भोपाल। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसके अंर्तंगत ग्रीन प्लानेट बाइसिकल राइडर्स एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित साईकल रैली में लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह रैली को संग्रहालय के निदेशक, प्रो. सरित कुमार चौधुरी द्वारा हरी झंड़ी दिखाकर बोट क्लब से रवाना किया गया और यह रैली मानव संग्रहालय के वीथि संकुल परिसर पहुँच कर खत्म हुई। इस अवसर पर संग्र्रहालय के संयुक्त निदेशक एवं भारी संख्या में शहर के गणमान्य नागरिक तथा संग्रहालय कर्मी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के सुचारू रूप से संचालित में भोपाल के स्थानीय जिला प्रशासन, नगर निगम एवं यातायात पुलिस द्वारा अभूतपूर्व व्यवस्था की गई। संग्रहालय इन सबके प्रति आभार व्यक्त करता है। साइकिल रैली के प्रतिभागियों को संग्रहालय की ओर से टी-शर्ट भंेट की गई। पौधा रोपण तत्पश्चात, संग्रहालय के जनजातीय आवस मुक्ताकाश परिसर में सायकल रैली में उपस्थित सभी प्रतिभागियों एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा वृक्षारोपण किया गया। इस अवसर पर संग्रहालय के निदेशक ने कहा ‘‘पर्यावरण संतुलन एवं मानव की वास्तविक प्रगति के लिए वृक्षारोपण आवश्यक है। पेड़ पौधों के महत्व को कभी भी कम नहीं आंका जा सकता है, क्योंकि ये हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। ‘चेतना’ – लोक एवं जनजातीय चित्रकलाओं पर केंद्रित कार्यशाला विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर भारत की लोक एवं जनजातीय चित्रकलाओं पर केंद्रित पेंटिग कार्यशाला ‘चेतना’ का विधिवत उदघाटन प्रो. सुचिता सेन चौधुरी (केन्द्रीय विश्वविद्यालय, झारखंड), संग्रहालय के निदेशक प्रो. सरित कुमार चौधुरी, संयुक्त निदेशक, दिलीप सिंह तथा उपस्थित लोक एवं जनजातीय कलाकारों द्वारा द्वीप प्रजव्लित कर किया गया। कार्यशाला के संयोजन डॉ. आर. एम. नयाल ने बताया कि दिनांक 14 जून तक संग्रहालय के आवृत्ति भवन, सभागार में चलने वाली इस कार्यशाला में 09 राज्य के लोक एवं जनजातीय चित्रकार भाग ले रहें है जिसमें केरल के लोकचित्र एवं गोवा के लोकचित्र तथा प. बंगाल के संथाल, ओडिशा के सवारा और आंध्रप्रदेश के सवारा, वाल्मीकी और ओरजा, महाराष्ट्र के गोंड, राजस्थान के भील, तेलंगाना के कोया एवं राजगोंड, मध्य प्रदेश के गोंड़ जनजातीय चित्रकार अपनी मौखिक पारंपरा में निहित कला को चित्रित कर रहे है।

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