सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला NEET और JEE मेन 2020 प्रवेश परीक्षा तय शेड्यूल के हिसाब से ही होगा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए NEET और JEE मेन 2020 प्रवेश परीक्षाओं को टालने की याचिका खारिज कर दी है। इसके बाद अब JEE मेन 2020 का आयोजन 1 सितंबर से 6 सितंबर, जबकि NEET 2020 का आयोजन 13 सितंबर को तय शेड्यूल के हिसाब से ही होगा।

जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि, जिंदगी को ऐसे रोका नहीं जा सकता। हमें सुरक्षा उपायों के साथ आगे बढ़ना होगा, छात्रों का भविष्य दांव पर नहीं लगा सकते। कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्रों से यह भी पूछा कि, क्या आप परीक्षाओं को रद्द करवा कर अपना एक साल बर्बाद करना चाहते हैं?

कोर्ट रूम में क्या हुआ –

परीक्षाओं के विरोध में दलील : स्टूडेंट्स की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव ने बेंच के सामने कोरोना से पैदा हुए हालात का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जब CBSE, ICSE और AIBE टाली जा सकती हैं तो JEE और NEET क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि हम इन परीक्षाओं को अनिश्चितकाल के लिए टालने की मांग नहीं कर रहे, लेकिन मौजूदा हालात में टालना ही विकल्प है।

परीक्षाओं के पक्ष में दलील : याचिका के विरोध में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यदि निर्धारित शेड्यूल के हिसाब से परीक्षाएं होती हैं तो हमारी ओर से सभी सुरक्षा उपाय किए जाएंगे और इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।

कोर्ट का फैसला: दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि, ये छात्रों के भविष्य का सवाल है। उसे दांव पर नहीं लगाया जा सकता। कोर्ट ने याचिकाकर्ता छात्रों को नसीहत देते हुए अपने एक साल की वैल्यू करने की भी सलाह दी।

11 राज्यों के छात्रों ने याचिका दायर की थी

परीक्षा के विरोध में 11 राज्यों के छात्रों ने जेईई मेन और नीट परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई है कि देश में कोरोना महामारी के बीच परीक्षाओं का आयोजन न किया जाए। ऐसे में फिलहाल परीक्षाओं की निर्धारित तारीखों को स्थगित कर दिया जाए।

20 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने कराया रजिस्ट्रेशन

इस बार दोनों ही परीक्षाओं के लिए 20 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। याचिका में कहा गया है कि, इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स के परीक्षाओं में सम्मिलित होने से संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ सकता है।

साभार – pradeshkidhadkan.com

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