यतीन्द्र अत्रे ,
अग्निवीरों के समान राज्य सरकार अब जंगल वीर योजना क्रियान्वित करने की तैयारी में नजर आ रही है।समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर की माने तो इस आशय का प्रस्ताव मध्य प्रदेश सरकार के पास तैयार हो चुका है जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। जानकारों के अनुसार यह जंगलवीर मध्यप्रदेश में बाघों की रक्षा करेंगे। प्रस्ताव के अनुसार मध्य प्रदेश के नेशनल पार्क,टाइगर रिजर्व, वाइल्ड लाइफ सेंचुरी एवं इसके आसपास रहने वालेऊंचे पूरे, चौड़े नौजवानों का चयन इस योजना के लिए किया जाएगा। 18 से 21 वर्ष तक के चयनित युवाओं को इसके लिए विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा,जो बाघों की रक्षा करेंगे। संभवतः यही जंगलवीर बाघों के प्रति स्थानीय लोगों को भी जागरूक करेंगे। पद चिन्हों के आधार पर आसपास के लोगों को बाघ विचरण क्षेत्र में जाने से भी रोकेंगे। पिछले दिनों भोपाल के केरवा, कलियासोत बांध से लगे जंगलों में एक बाघिन द्वारा पालतू जानवरों के शिकार की घटना सामने आई थी जिससे आसपास के क्षेत्र के लोग दहशत में आ गए थे। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने घटनाओं को संज्ञानता में लेते हुए जरूरी कदम उठाए थे,साथ ही ग्रामीणों को जागरूक भी किया गया है। बाघों की सुरक्षा के आधार पर बनाई जा रही राज्य सरकार की यह योजना निश्चित रूप से प्रशंसनीय पहल होगी। जिसमें शिक्षित होने के बावजूद बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा अपने परिवार के लिए संबल बन सकेंगे। यहां यह उल्लेख करना आवश्यक होगा कि शुरुआती विरोध के बाद सरकार की देश सेवा का जज्बा रखने वाले युवाओं की अग्निवीर योजना की सर्वत्र प्रशंसा हो रही है, साथ ही देश के युवा भी इस में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। जानकारी के अनुसार वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड से एक अलग कैडर का निर्माण किया जाएगा, योजना के अंतर्गत 5 वर्ष बाद 25 से 50% जंगलवीरो जिन्हें बाघ रक्षक भी कहा जाएगा, उन्हे स्थाई फॉरेस्ट गार्ड बनाने का प्रावधान होगा। शारीरिक मापदंड पूरी करने वाले युवा जिनमें व्यवहारिक समझ होगी वे इस परीक्षा को आसानी से उत्तीर्ण कर सकेंगे।
हाल ही में मंडला जिले के खटिया क्षेत्र में वनों की सुरक्षा पर हुई अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला मे राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि – आज विकास की दौड़ में मानव का वन्य-प्राणियों से संघर्ष हो रहा है और वन क्षेत्र सिमटते जा रहे हैं, हमें प्रयास करना चाहिए कि मानव और वन्य-प्राणियों में संघर्ष न हो। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ‘हमारे वन सुरक्षित रहेंगे, तो उसमें वन्य-प्राणी भी सुरक्षित रहेंगे’। इसी से मानव जीवन भी सुरक्षित रहेगा। बहराल देश सेवा का जज़्बा रखने वाले अग्निवीरों की तरह ही बहुत जल्दी मध्यप्रदेश को जंगलवीरों के रूप में वन्य प्राणी रक्षक मिलने वाले हैं।
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