भोपाल। विगत दिनों अंतरा-संस्था, भोपाल की मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन साहित्यकार सुरेश कुशवाह ‘तन्मय’ के निवास पर हुआ। इस अवसर पर श्री तन्मय की सुपुत्री श्रुति कुशवाह जो कि स्वयं एक साहित्कार हैं ने बताया कि बचपन की सबसे सुंदर स्मृतियों में एक है आवासीय काव्य गोष्ठियां। 8-9 साल की उम्र से मैंने देखा है कि, घरों में कवि गोष्ठी हुआ करती, बड़ी संख्या में नामचीन, वरिष्ठ एवं युवा सभी रंग के कवि शामिल होते थे। खास बात यह रहती थी कि गोष्ठियां देर रात बारह-एक बजे तक भी चला करती थी।
मंगलवार की शाम आयोजित काव्य गोष्ठी में सर्वश्राी यतीन्द्रनाथ राही, जंगबहादुर श्राीवास्तव, शिवकुमार अर्चन, महेश अग्रवाल, किशन तिवारी, ऋषि श्राृंगारी, राजेंद्र शर्मा अक्षर, अशोक निर्मल, दीपक पंडित, सुरेश कुशवाहा तन्मय, अशोक तारे, श्राुति एवं श्राीमती ममता वाजपेयी, सहित लगभग 20 कवि उपस्थित थे।