जबलपुर मध्यप्रदेश की संस्कारधानी है। इतिहास में इसका गौरवशाली स्थान है। जबलपुर का उल्लेख हर युग में मिलता है। यह वैदिक काल में जाबालि
लेख/आलेख
पहले मतदान फिर दूजा काम
मतदान आरंभ होने में कुछ सौ घंटे शेष हैं एक ओर दिवाली की खुशियां हैं तो दूसरी और नई सरकार बनाने की, इसमें कोई
बैंक का चक्कर, लोन में घनचक्कर
व्यंग्य लेख , सुनील उपमन्यु डब्बन भैय्ये काहे चिंतित हो? अच्छे भले दिख रहे हो, फिर काहे रोतलो मुंह बना के बैठे हो। डब्बन
बादशाह, बेगम और तुरुप के इक्कों का बढ़ता महत्व…
यतीन्द्र अत्रे शतरंज के खेल में वजीर, राजा का अपना महत्व होता है तो ताश के पत्तों में बेगम, बादशाह और उसके बाद इक्के
अविश्वास प्रस्ताव और बदलती परिस्थितियाँ
एक ओर पूरा देश 77 में स्वतंत्रता दिवस मनाने की ओर अग्रसर हो रहा है। वहीं मणिपुर के इंफाल, विष्णुपुर,चुराचांदपुर, तेग्नोउपल और कांगपोकपी की
धरती से चंद्रमा की राह होगी अब आसान
यतीन्द्र अत्रे चांद पर बसने के हमारे इरादे अब और अधिक बुलंद होते दिखाई दे रहे हैं। बच्चों के चंदा मामा अब दूर के
वंदे भारत एक्सप्रेस अब बनेगी भोपाल-इंदौर का गौरव
यतीन्द्र अत्रे, राजधानी भोपाल आने के लिए इंदौरवासियों की सुविधा हेतु रेल प्रशासन समय-समय पर नए प्रयोग करते रहता है, इसी क्रम में अब
नवनिर्मित संसद भवन देश की विविध संस्कृति का प्रतीक
यतीन्द्र अत्रे, रविवार 28 मई को नवनिर्मित संसद भवन के शुभारंभ अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास राजदंड (सैंगोल)की स्थापना हो गयी
प्रेस की स्वतंत्रता क्यों जरूरी ?
पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। सच को जनता के सामने लाने का जोखिम भरा कार्य एक पत्रकार ही कर सकता
जंगलवीर होंगे अब वन्य प्राणियों के रक्षक
यतीन्द्र अत्रे , अग्निवीरों के समान राज्य सरकार अब जंगल वीर योजना क्रियान्वित करने की तैयारी में नजर आ रही है।समाचार पत्रों में प्रकाशित