कलेक्टर श्री सिंह ने की अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग की समीक्षा

भोपाल । कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने शुक्रवार को अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान उन्होंने जनजाति विभाग, भोपाल के सहायक आयुक्त श्री सुधीर श्रीवास्तव को निर्देशित किया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति विभाग, भोपाल के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूल, छात्रावास में शासन की योजनाओं के अंतर्गत दी जाने वाली कोचिंग एवं शिक्षा की गुणवत्ता उच्च स्तर की हो, ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाए। विभाग के द्वारा संचालित छात्रावास में बच्चों को मिलने वाली सुविधाएं समय पर उपलब्ध हो एवं उनकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही सीएम हेल्पलाइन का भी समय सीमा में निराकरण करें।

कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि ऐसे छात्रावास जिसमें छात्राएं अध्ययतनरत हैं उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि एसडीएम के नेतृत्व में हॉस्टल एवं स्कूलों का निरीक्षण किया जाए। छात्राओं के हॉस्टर्ल्स में महिला अधिकारी ही निरीक्षण के लिए प्रवेश करेंगी। पुरूष अधिकारी किसी भी गर्ल्स हॉस्टल में प्रवेश नहीं करेंगे। विभाग के अंतर्गत जारी निर्माण कार्य का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। विभाग के द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति एवं अन्य सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराएं। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार और मध्यप्रदेश सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र – छात्राओं को अनेक सुविधा उपलब्ध करा रही है जिससे सभी को समान अवसर उपलब्ध हो और रोजगार के सथ समाज में अपने लिए विशेष स्थान बना सकें।

सहायक आयुक्त श्री सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि भोपाल जिले में विभाग द्वारा अनुसूचित जनजाति के लिए संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय एवं अनुसूचित जाति के लिए ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय एवं कुल 56 छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं, जिसमें से 48 अनुसूचित जाति एवं 8 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किए गए हैं, जिसमें कुल 2520 सीट स्वीकृत हैं जिसमें लगभग 2200 प्रवेश दिए गए हैं जबकि जनजाति वर्ग के लिए संचालित 8 हॉस्टल में 500 सीटें स्वीकृत है जो कि शत-प्रतिशत प्रवेशित है। भोपाल जिले में अनुसूचित जाति के लिए बड़वई में 180 सीट छात्रावास का निर्माण जारी है, इसके साथ कटारा हिल्स में 100 सीटर बाबू जग जीवन राम बालिका छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है, इसके साथ ही 50-50 सीटर सीनियर बालक छात्रावास एवं महाविद्यालयीन बालक छात्रावास निर्माणाधीन है।

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