भोपाल।शहर में 30 जून को दो नाटकों की प्रस्तुति हुई, चिल्ड्रन्स थिएटर अकादमी द्वारा दो नाटकों की प्रस्तुति अनुनाद एवं नाटक में नाटक अर्घ्य प्रेक्षागृह में सायं 7:00 बजे से प्रस्तुत की गई। अनुनाद में 25 बाल कलाकारों ने तालवाद्य के साथ पंजावी ढ़ोल, उड़ीसा का मादल, बनारस की पखावज, कोलकाता का बाटीझांज, यू.पी. का नगाड़ा, मंजीरा, नेपाली मंजीरा, लद्दाख का मंजीरा, बर्मा का कांग तकरीबन 40 वाद्य का इस्तेमाल कर शास्त्री और लोक में बजने वाले ताल को निरूपित कर जैसे- अजीताल, एकताल में निबिद्ध किया। आदिताल पर शंकर ने नृत्य किया या उस ताल से शुरू करके शास्त्री और लोकताल को सात मात्रा और फिर भजन में भजने वाले ताल को इसके पश्चात् छाऊ में बजने वाली ताल का समावेश किया। ताल को विलम्मित और द्रुत लय में 40 वाद्य यंत्रों के साथ बजाया गया। इसे हम नाद ब्रहम कह सकते हैं, इसका जब कंपन होता है और सुनने वाली की आत्मा पर उसका असर होता है।
‘‘नाटक में नाटक’’ का कथासार – एक राजा की बेटी ना हंसती है, न बोलती है, गुमसुम बैठी रहती है, यहां तक कि वो खाना-पीना भी नहीं खाती है। राजा-रानी राजकुमारी से परेशान हैं। राज मुनादी कराते हैं वैद्य, हकीम, डॉक्टर, ओझा, ज्योतिषी आते हैं और राजकुमारी का इलाज करते हैं। लेकिन राजकुमारी कि यथा स्थिति बनी रहती है। राजा के दरबारी कहते हैं कि महाराज हमारे गांव में हीरालाल है जो शहर से आया है वो गांव के बच्चों को नाटक सिखाता है, हमनें देखा है कि जो बच्चे शैतान थे, हिल-मिल नहीं पाते थे, पढ़ नहीं पाते थे अब वे बच्चे स्कूल भी जाते है, पढ़ते भी हैं और अब बच्चों के साथ खेलते भी हैं, क्यों न हीरालाल को बुलवाया जाये और उससे बात की जाये। दरबार में हीरालाल आता है, अपनी शर्तों के साथ राजकुमारी हीरालाल के नाटक की रिर्हशल में जाने लगती है, कुछ समय पश्चात् राजकुमारी ने बड़ा परिवर्तन आया अब वो हंसती है, बोलती है और खुश रहती है। उक्त प्रस्तुति 25 बाल कलाकारों द्वारा की गई।