उज्जैन। कवि के पास जो दृष्टि होती है वह किसी और के पास नहीं होती। इसीलिए कहा गया है कि जहां न पहुंचे रवि
साहित्य
अखिल भारतीय साहित्य परिषद भोपाल इकाई द्वारा रचनापाठ कार्यक्रम आयोजित
भोपाल। अभासाप भोपाल इकाई की अध्यक्ष डॉक्टर नुसरत मेहदी ने की, उन्होने अपने उद्बोधन में कहा भारतीय जीवन परम्परावादी है, यहां ऋषि-मुनियों ने बहुत
रानी दुर्गावती का समर्पण और गोंडवाना साम्राज्य का गौरवशाली इतिहास
जबलपुर मध्यप्रदेश की संस्कारधानी है। इतिहास में इसका गौरवशाली स्थान है। जबलपुर का उल्लेख हर युग में मिलता है। यह वैदिक काल में जाबालि
राम कौन ?
सुखदेव राव चौरे, महाकवि श्री तुलसीदास जी ने श्रीरामचरितमानस में बालकाण्ड के दोहा क्रं 46 में समसामयिक विषय पर एक रोचक प्रसंग का वर्णन
जनजातीय कला और शिल्पकारों के उत्साहवर्धन में विश्वविद्यालय करें सहयोग : राज्यपाल श्री पटेल
राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय संस्कृति और कला का संरक्षण भारतीयता की मौलिकता का संरक्षण है। इनके उत्पादों के संरक्षण
प्रो. गोपीचंद नारंग के देहांत पर मप्र उर्दू अकादमी में शोक सभा आयोजित
उर्दू हिन्दी साहित्य जगत के महान साहित्यकार, मौजूदा दौर के प्रथम श्रेणी के उर्दू आलोचक, लेखक एवं विद्वान गोपी चंद नारंग का 15 जून
संदीप – श्रीति राशिनकर को पुणे का महाकवि कालिदास पुरस्कार
इंदौर । अपने दीर्घ कला व साहित्यिक अवदान के लिए संदीप व श्रीति राशिनकर को पुणे का प्रतिष्ठित ” महाकवि कालिदास पुरस्कार ” घोषित
जनजातीय संग्रहालय में लिखन्दरा परिसंवाद में धर्म योद्धा बिरसा विषय पर परिसंवाद
भोपाल। जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, भोपाल द्वारा लिखन्दरा परिसंवाद की मासिक श्रृंखला में ‘धर्मयोद्धा बिरसा ‘ विषय पर परिसंवाद का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता
नवें स्थापना दिवस समारोह में गायन एवं नृत्य प्रस्तुतियां हुईं
भोपाल। जनजातीय जीवन, देशज ज्ञान परम्परा एवं सौन्दर्यबोध पर एकाग्र स्थापित मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय का नौवाँ स्थापना दिवस समारोह 6 से 10 जून,2022 तक
वनमाली राष्ट्रीय कथा सम्मान 2021–22 से सम्मानित वरिष्ठ कथाकार ‘गीतांजलि श्री अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार’ से हुई अलंकृत
बुकर पुरस्कार से सम्मानित गीतांजलि श्री का उपन्यास ‘रेत समाधि’ मूल रूप से हिंदी में प्रकाशित हुआ था जिसे डेजी रॉकवेल द्वारा अंग्रेजी में