ब्रजेश बड़ोले हमने एसा भी एक मंज़र देखा ।न था तूफान पर टूटा घर देखा॥ 1जब से बदला निज़ाम यहाँ…
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ब्रजेश बड़ोले हमने एसा भी एक मंज़र देखा ।न था तूफान पर टूटा घर देखा॥ 1जब से बदला निज़ाम यहाँ…
Read Moreदीपक चाकरे सुस्त हो, बैठा मुसाफिर,सुस्ताना तेरा काम नही?अभी तो सफ़र बाकी है,यह आखिरी मुकाम नही?बहुत लम्बा है रास्ता,अभी तो…
Read Moreसत्यनारायण चौहान उठालो उठालो कसम उठालोदेश की रक्षा हम करेंगेन रुकेंगे न झुकेंगेएक बार नहीं हर बार कहेंगेदेश की रक्षा…
Read Moreसौ.चंद्रमणी दफ्तरी “स्पंदन “ लाद कंधों पर बोझ अपने, पग-पग आगे बढ़े होंगें ,कहीं कनात, कहीं पर खंदक,चट्टानों की ओट…
Read Moreबृजेश बडोले हमने मंच से कहा-‘कविता कल्याणीयह उद्धार करती है’सुनकर एक व्यक्तिमंच पर चढ़ आया,और बोला- ‘कौन कहता हैकविता उद्धार…
Read Moreविक्रमादित्य सिंह कितना हसीं है, हमनवीं है, एक नशा है दोस्तीजिंदगी का सार है….. एक फलसफां है दोस्तीहै कभी यह…
Read Moreसंदीप राशिनकर लोकल में, रास्ते मेंबस की कतारों, या भीड़ मेंकही तो टकराया होगावो आपसे भी, और पूछाहोगाअपना नाम, पहचानऔर…
Read Moreआशीष खरे आज भगवान को अच्छा सबक सिखायाउनकी शिकायत, उन्हीं से कर आया,सुन मेरी बात, वो हो गए गंभीरकहने लगे,…
Read Moreभोपाल। जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा विगत वर्ष से टॉकिंग डिक्शनरी बनाने का अभिनव कार्य प्रारंभ किया…
Read Moreदीपक चाकरे गगन को ढका बादलों ने,चहूँ ओर देखो छाया हैं।सर्द भरे छोटे दिन,शीत लहरों ने भरमाया हैं।।छूप रहाँ हैं…
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