संदीप सृजन
कविता आकाश है
क्योंकि कविता का न आदि है
और न ही अंत
कविता पानी है
क्योंकि शब्द जब बहाव में होते हैं
कविता तब कविता होती है
कविता आग़ है
क्योंकि कविता तब जन्म लेती है
जब अंतस में विचारों की
ऊर्जा का विस्फोट होता है
कविता पृथ्वी है
क्योंकि कविता में सभी को स्थान मिलता है,
नवरस यहां पल्लवित पुष्पित होते हैं
कविता हवा है
क्योंकि कविता जब तक है
तब तक सभ्य समाज जीवित है
कविता पंच तत्वों से निर्मित वह कृति है
जो कभी नहीं खत्म होती
जो कभी नहीं मरती
केवल जन्म ही लेती है
और लेती रहेगी।
उज्जैन (म प्र)
Leave a Reply