डॉ. योगिता सिंह राठौड़
हँसी का जादू
हँसी है खुशियों की पहचान, जैसे गुलों में हो मुस्कान।
तनाव को जो दूर भगाए, दिल को हल्का सा कर जाए।
हर चेहरा तब प्यारा लगता, जब हो उस पर हँसी का नाता।
बिना शब्द के बात कह जाए, हर रिश्ते में रंग भर जाए।
न खर्चा इसमें, न कोई दवा, फिर भी है ये सबसे बढ़िया सिला।
हँसी बाँटो, हँसी लुटाओ, हर दिल में उम्मीद जगाओ।
आज है हँसी का खास दिवस, बाँटो सबको खुशियों का रस।
जो भी मिले उसे हँसाओ, हँसी से दुनिया महकाओ।
चलो हँसें, सबको हँसाएँ, ज़िंदगी को खुशनुमा बनाएँ।
हर साल मई के पहले रविवार को विश्व हास्य दिवस मनाया जाता है। यह दिन न केवल हँसी की अहमियत को समझने का मौका देता है, बल्कि हमें यह भी याद दिलाता है कि तनाव और भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मुस्कुराना कितना जरूरी है।
हँसी—यह एक ऐसा शब्द है, जो सुनते ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। कहते हैं, “हँसी वह सूरज है जो जीवन के सबसे अंधेरे क्षणों को भी रोशन कर देती है।” विश्व हास्य दिवस पर मैं आज अपने जीवन के कुछ पलों को याद कर रही हूँ, जब हँसी ने मुझे मुश्किल समय में भी जीने की हिम्मत दी।
एक बार मैं परीक्षा में बहुत कम अंक लेकर आयी थी । मन उदास था, आँखों में आँसू थे। तभी मेरे छोटे भाई ने अपनी मासूम बातों और अजीब से चुटकुलों से मुझे हँसाने की कोशिश की। मैं चाहकर भी गुस्सा नहीं रह सकी और आखिरकार हँस पड़ी। उस दिन मुझे समझ आया कि हँसी में कितनी ताकत होती है—यह दर्द को हल्का कर सकती है, और निराशा में भी उम्मीद जगा सकती है। आज जब हम भागदौड़ भरी ज़िंदगी में उलझे हैं, मोबाइल और सोशल मीडिया में खोए हैं, तब सबसे ज्यादा जो चीज़ हमसे दूर हो गई है, वो है सच्ची हँसी। वही हँसी जो दिल से निकले, जो आँखों में चमक भर दे, और चेहरे पर सुकून ला दे। विश्व हास्य दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें जीवन को बहुत गंभीरता से नहीं, बल्कि थोड़े हँसी-मज़ाक के साथ भी जीना चाहिए। यह दिन सिर्फ मज़ाक करने या चुटकुले सुनाने का नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा फैलाने का भी है।
अब मैं कोशिश करती हूँ कि हर दिन किसी को हँसी का एक पल ज़रूर दूँ—चाहे वो एक दोस्त हो, एक बुज़ुर्ग पड़ोसी, या फिर खुद मैं ही क्यों न होऊँ। जब भी मन भारी हो, मैं अपनी पसंदीदा कॉमेडी फिल्में देखता हूँ या दादी की मज़ेदार कहानियाँ सुनता हूँ। यकीन मानिए, हँसी हर बार दवा की तरह असर करती है।
हँसी एक ऐसी सार्वभौमिक भाषा है, जिसे समझने के लिए किसी अनुवाद की ज़रूरत नहीं होती। यह दिलों को जोड़ती है, रिश्तों को मजबूत करती है और जीवन को खुशनुमा बनाती है। शोध बताते हैं कि हँसने से मानसिक तनाव कम होता है, प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है और दिल स्वस्थ रहता है। आज के समय में जब ज़िंदगी तेज़ रफ्तार से भाग रही है, लोग हँसना जैसे भूलते जा रहे हैं। ऐसे में विश्व हास्य दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम खुद के साथ कुछ समय बिताएँ, दोस्तों के साथ ठहाके लगाएँ और जीवन के रंगों में हँसी की चमक घोल दें। हँसी केवल एक भाव नहीं, एक जीवनशैली है। यह हमें सिखाती है कि मुश्किल हालात में भी मुस्कुराना कैसे ज़िंदगी को आसान बना सकता है। यह सिर्फ दूसरों के चेहरों पर मुस्कान लाने की नहीं, बल्कि अपने भीतर के दुखों को हल्का करने की भी एक अनोखी कला है। तो आइए, इस विश्व हास्य दिवस पर संकल्प लें कि हर दिन को थोड़ी हँसी, थोड़ा प्यार और ढेर सारी सकारात्मकता से भर देंगे। क्योंकि जब जीवन में हँसी के रंग भरते हैं, तब हर दिन एक त्योहार बन जाता है।
अंत में बस यही कहूँगी—हँसी कोई साधारण चीज़ नहीं, यह जीवन की सुंदरतम कला है।
तो चलिए, इस हास्य दिवस पर मुस्कुराएँ, ठहाके लगाएँ और हँसी को अपनी आदत बना लें।
हँसते रहिए, मुस्कुराते रहिए — क्योंकि हँसी ही असली जिंदगी है!
प्राचार्य
माँ नर्मदा कॉलेज ऑफ एजुकेशन धामनोद
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