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संगीत का मनुष्य के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है – राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल

ग्वालियर : राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि संगीत हमेशा ही मन को भाता है। मनुष्य की हर उम्र में संगीत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। राज्यपाल श्री पटेल ने रविवार को राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के छठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कबीर लोक भजन गायक पद्मश्री कालूराम बामनिया ने की। इस मौके पर वरिष्ठ तबला वादक एवं शिक्षाविद् प्रो. किरण देशपाण्डे विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में कुलगुरू राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे, कुलसचिव प्रो. राकेश कुशवाह के साथ ही साधारण परिषद, कार्य परिषद एवं विद्यार्थी परिषद के सदस्यगण उपस्थित थे। 

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय भारतीय संगीत को प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। महाविद्यालय के अनेकों छात्रों ने संगीत के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि देश के विकास में युवाओं को अपनी पूरी क्षमता के साथ योगदान देना चाहिए। संगीत विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के पश्चात जिन छात्रों को पुरस्कृत किया गया है वे अपने जीवन में संगीत के माध्यम से देश विकास में अपना सहयोग करें। 

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि वरिष्ठ तबला वादक प्रो. किरण देशपाण्डे के जीवन से युवाओं को प्रेरणा लेना चाहिए। 87 वर्ष की उम्र में भी जिस प्रकार वे तबला वादन कर रहे हैं उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार क्रिकेट में खिलाड़ी शतक लगाते हैं, उसी प्रकार प्रो. देशपाण्डे भी अपनी उम्र का शतक लगाएँ, यह हम सबकी कामना है। 

 दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री पटेल एवं पद्मश्री श्री कालूराम बामनिया ने वर्ष 2020-21, 2021-22, 2022-23 एवं 2023-24 चार वर्ष के स्वर्ण पदक और विभिन्न उपाधियों से छात्रों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में कुल 122 स्वर्ण पदक विद्यार्थियों को प्रदान किए गए। इसके साथ ही अलग-अलग संकाय की कुल 33 शोध उपाधियां भी प्रदान की गईं। समारोह में प्रो. किरण देशपाण्डे को डीलिट की मानद् उपाधि प्रदान की गई। 

प्रो. पं. किरण देशपाण्डे ने तबला वादन की दी प्रस्तुति 

दीक्षांत समारोह में वरिष्ठ तबला वादक एवं शिक्षाविद् प्रो. पं. किरण देशपाण्डे ने डीलिट उपाधि प्राप्त करने के पश्चात तबला वादन की प्रस्तुति भी दी। उन्होंने प्रस्तुति से पूर्व कहा कि मेरे द्वारा तबला वादन की जो प्रस्तुति दी जा रही है उसमें तबले के माध्यम से मैं धन्यवाद ज्ञापित कर रहा हूँ। प्रो. देशपाण्डे ने तबला वादन से सभी का मन मोह लिया। 

पद्मश्री कालूराम बामनिया ने प्रस्तुत किए भजन 

समारोह में कबीर लोक भजन गायक पद्मश्री कालूराम बामनिया ने भी भजन की प्रस्तुति दी। उनकी प्रस्तुतियों को सुनकर अतिथियों सहित उपस्थित सभी गणमान्य नागरिकों ने तालियाँ बजाकर उत्साहवर्धन किया। श्री बामनिया ने गुरू का जीवन में महत्वपूर्ण स्थान पर केन्द्रित भजन प्रस्तुत किया। 

जनजाति नृत्य की प्रस्तुति 

दीक्षांत समारोह में संगीत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सहरिया जनजाति नृत्य की भी प्रस्तुति दी। छात्र-छात्राओं द्वारा दी गई नृत्य प्रस्तुति की उपस्थित लोगों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में शोभा यात्रा निकालकर राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल को मंच तक लाया गया। दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही कुलगुरू प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे ने राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इसके साथ ही अतिथियों का स्वागत भी किया। 

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