भोपाल : महिला एवं बाल विकास की संभागीय संयुक्त संचालक श्रीमती नकी जहां कुरैशी के मार्गदर्शन एवं श्री सुनील सोलंकी जिला कार्यक्रम अधिकारी भोपाल के सक्रिय सहयोग से भोपाल जिले के बाणगंगा परियोजना में आंगनबाड़ी क्षेत्र के सर्वे की महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की पहल “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” अंतर्गत देसाई फाउंडेशन ट्रस्ट के सहयोग से प्रियांशी एजुकेशन एंड कल्चर सोशल सोसायटी की प्रमुख डॉ. शालिनी सक्सेना द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अभियान के समन्वयक श्री अखिलेश चंद्र चतुर्वेदी परियोजना अधिकारी बाणगंगा द्वारा बताया गया कि भीम नगर आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में सोलर पैनल तकनीकी के साथ साथ इलेक्ट्रिक वाहन का नि:शुल्क प्रशिक्षण PECCS संस्था के सहयोग से 50 महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को 3 महीने तक प्रदाय किया जा चुका है जिसमें उनको सोलर पैनल की तकनीक से संबंधित जानकारी तथा विभिन्न प्रकार के सोलर पैनल, पावर जेनरेशन, वोल्टेज की समझ, इंस्टॉलेशन एवं मरम्मत संबंधी व्यवहारिक प्रशिक्षण एवं 15 दिवसीय इंटर्नशिप भी करवाया गया है जिससे महिलाओं को प्रशिक्षण उपरांत सीधे रोजगार से जोड़ा जा सके और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके। सेक्टर झरनेश्वर के पूर्व एमएलए कॉलोनी की आंगनवाड़ी परिसर में आंगनबाड़ी क्षेत्र की सर्वे की 25 महिलाओं एवं बालिकाओं को इलेक्ट्रिक व्हीकल तकनीकी का निःशुल्क प्रशिक्षण PECCS संस्था के सहयोग से किया जा रहा है जिसमें पप्रशिक्षार्थियों को इलेक्ट्रिक वाहन की मैकेनिकल तकनीकी, बैटरी की समझ इलेक्ट्रिक वाहन में आने वाली समस्याएं एवं मरम्मत संबंधी प्रशिक्षण विशेषज्ञों के द्वारा प्रदान किया जा रहा है। 3 माह के प्रशिक्षण में 15 दिवसीय इंटर्नशिप शामिल है। पिपलिया में संचालित चौथे बैच में 25 छात्राओं को सोलर पैनल का प्रशिक्षण दिया गया, कुल 4 बैच में 100 किशोरी बालिकाओं तथा महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया जिसमें 41 में से ,20 को सोलर तथा 21 को इलेक्ट्रिक वाहन मरम्मत में विभिन्न निजी संस्थाओं में रोजगार प्राप्त हुआ है एवं अधिकतर महिलाएं एवं किशोरी बालिकाओं ने अपना स्वयं का कार्य प्रारम्भ कर दिया है एवं वित्तीय समझ के लिए बैंक से समन्वय कर सहायता प्रदान करने का प्रयास संस्था एवं परियोजना कार्यालय द्वारा किया जा रहा है। आंगनबाड़ी क्षेत्र की महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं द्वारा यह तय किया गया कि प्रशिक्षण एवं रोजगार प्राप्त करने के बाद हम अपनी आय की कुछ राशि आंगनबाड़ी केंद्र में एक समिति के पास गुल्लक के रूप में रखेंगे जिसमें प्रशिक्षणार्थी,सेक्टर पर्यवेक्षक,अशासकीय संस्था के सदस्य एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रहेंगी जिससे छोटी छोटी जरूरतें हम अपनी आंगनबाड़ी में स्वयं पूरी कर सके। यद्यपि विभाग द्वारा समय-समय पर सामग्री एवं मरम्मत का कार्य कराया जाता है लेकिन हम अपनी आंगनबाड़ी को आदर्श बना सके, यह प्रयास रहेगा, ऐसा सोचती है।
महिला एवं बाल विकास परियोजना बाणगंगा में सशक्त एवं आत्मनिर्भर महिला एवं आत्मनिर्भर आंगनवाड़ी बनाने की अनूठी पहल

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