सत्यनारायण चौहान
उठालो उठालो कसम उठालो
देश की रक्षा हम करेंगे
न रुकेंगे न झुकेंगे
एक बार नहीं हर बार कहेंगे
देश की रक्षा हम करेंगे ll
हिमालय है सरताज हमारा
पावन पवित्र है गंगा
हर भारतीय की पहचान बना है
प्यारा ये तिरंगा
अपने लहू से इतिहास लिखेंगे
देश की रक्षा हम करेंगे ll
अपने इस चमन को कर्तव्य के फूलों से महकाए
नफरत की दीवारें मिटाकर
प्रेम के दीप जलाए
तिरंगे की शान को ऊंचा रखेंगे
देश की रक्षा हम करेंगे ll
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