भोपाल के कलाकारों ने देश में शहर को नई पहचान दिलाई है-पुलिस आयुक्त श्री मिश्रा

19वें स्मरण हबीब रंगआलाप नाट्य महोत्सव के शुभारंभ दिवस पर स्कन्द मिश्राा द्वारा निर्देशित नाटक वैश्या मंचित


भोपाल (रंग संस्कृति प्रतिनिधि)। शहर के पुलिस आयुक्त एवं संस्कृति प्रेमी श्री हरिनारायण चारी मिश्रा ने भोपाल के रंग कर्मियों को बधाई देते हुए कहा कि रंगकर्म के माध्यम से देश में जिन कलाकारों ने अपनी पहचान बनाई है उस श्रेणी में भोपाल का नाम भी प्रथम पंक्ति में आता है। श्री मिश्रा हम थियेटर समूह के आमंत्रण पर गुरूवार को मध्यप्रदेश संस्कृति संचालनालय के सहयोग से शहीद भवन में स्मरण हबीब 19 वें ‘रंग आलाप नाट्य महोत्सव’ की प्रथम प्रस्तुति के उपरांत दर्शकों एवं कलाकारों के समक्ष मुखातिब हुए। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय हबीब तनवीर ने रंगमंच एवं देश की की सांस्कृतिक विरासत को एक नई ऊंचाई प्रदान की है। ओटीटी जैसे माध्यमों के प्रवेश करने के बावजूद भी रंगमंच के कलाकारों की पहचान आज भी वैसी ही है जैसे पहले हुआ करती थी। रंगमंच के कलाकार कम संसाधनों में भी अपने अभिनय पात्र को जीवंत कर देते हैं। पुलिस आयुक्त श्री मिश्रा ने समारोह के शुभारंभ अवसर पर स्कंद मिश्रा के निर्देशन में अर्थ कल्चरल एंड थियेटर सोसायटी भोपाल के कलाकारों द्वारा मंचित नाटक ‘वैश्या’ की प्रस्तुति को भी सराहा ।
स्कन्द मिश्रा निर्देशित नाटक ‘वैश्या’ की कहानी माधुरी के ऊपर केंद्रित होती है जिसे समाज ने वैश्या नाम दिया है। अपनी दोस्ती का कर्तव्य पूरा करने के लिए कहानी का एक पात्र दयाशंकर अपने दोस्त को माधुरी के चंगुल से छुड़ाने के लिए स्वयं माधुरी के घर आना-जाना करता है, उससे प्रेम का नाटक करते-करते स्वयं उसके प्रेमापाश में बंध जाता है। जब माधुरी को सच्चाई का पता चलता है तब वह दयाशंकर एवं उसके मित्र सिंगार दोनों को छोड़कर चली जाती है। अपनी गलती का एहसास होते हीदोनों मित्र उसे ढूंढते हैं लेकिन तब तक देर हो जाती है और माधुरी मृत्यु को वरण कर लेती है।
नाटक की कहानी प्रस्तुति के दौरान एक स्त्री परिस्थितिवश जब एक वैश्या बनती है तब वह समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित होने का अधिकार क्यों खो देती है? क्यों समाज में वह सिर्फ भोग विलास की वस्तु बन जाती है?… जैसे कई अनसुलझे प्रश्न दर्शकों के समक्ष गुजरते हैं जिनका हल आज भी पहेली बना हुआ है। मंच पर शांभवी स्थापक, अर्पित ओम शर्मा, संदीप पाटिल एवं समृद्धि असाटी ने अपने भावपूर्ण अभिनय से प्रस्तुति को जीवंत बनाया।
पूर्व में वरिष्ठ कला समीक्षक एवं पत्रकार गिरिजाशंकर, भारत सरकार बाल भवन के पूर्व बोर्ड मेंबर विभांशु जोशी एवं पूर्व डीजीपी सुरेंद्र नाथ सिंह ने स्वर्गीय हबीब तनवीर के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलन के साथ नाट्य महोत्सव का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर हम थियेटर समूह के संयोजक वरिष्ठ रंगकर्मी बालेन्द्र सिंह द्वारा मुख्य अतिथियों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन उद्घोषक विवेक मृदुल द्वारा किया गया। 8 से 13 जून तक चलने वाले इस महोत्सव में प्रतिदिन सायं 7:00 बजे से नाटकों का मंचन किया जाएगा।

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