गुलाबो सिताबो: फिल्म रिलीज़ का वैकल्पिक मार्ग खुला

विनोद नागर

भारत में कोरोनाजन्य लॉक डाउन के चलते मार्च के आखिरी हफ्ते से मनोरंजन उद्योग पर जड़ा ताला अभी भी बंद है। सरकार द्वारा इसे चरणबद्ध ढंग से खोलने की प्रक्रिया में अभी सिनेमाघरों/ मल्टीप्लेक्स को अपनी बारी आने का इंतज़ार है। यदि कोरोना का कहर आड़े नहीं आता तो दर्शकों को हर शुक्रवार नई फिल्में देखने को जरुर मिलती। कोरोना का ग्रहण लगने के पहले दर्शक जिस नई फिल्म (अंग्रेजी मीडियम) का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे, उसका बुरा हश्र हुआ। हिन्दी मीडियम की तरह अंग्रेजी मीडियम के मुख्य आकर्षण तो इरफ़ान खान ही थे, जो कैंसर से जूझते हुए अचानक इस फानी दुनिया को अलविदा कह गये। उनके अवसान से सीक्वल परंपरा में हिन्दी और अंग्रेजी के बाद उर्दू मीडियम का ख्वाब अधूरा ही रह गया।
बहरहाल, लम्बे अरसे से रिलीज़ के इंतज़ार में अटकी शुजित सरकार की गुलाबो सिताबो का इस शुक्रवार ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रदर्शित होना एक युगांतरकारी घटना है। संचार तकनीक पर सवार नई सदी में गुलाबो सिताबो ने फिल्म प्रदर्शन के नए युग का सूत्रपात करते हुए भविष्य की संभावनाओं को मल्टीप्लेक्स, केबल टीवी और डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) से एक कदम और आगे ले जाकर डिजिटल प्लेटफार्म पर पहुंचा दिया है। दशकों पूर्व इसी तरह का नवाचार महेश भट्ट ने किया था जब उन्होंने अपनी फिल्म ‘फिर तेरी कहानी याद आई’ को सिनेमाघरों के बजाय सीधे टेलीविजन (ज़ी टीवी) पर रिलीज़ किया था। इससे पहले प्रकाश झा की दामुल भी दर्शकों को दूरदर्शन पर ही देखने को मिली थी।
गोया, सिनेमा और रुपहले परदे का चोली दामन का साथ भी अब उसी तरह छूटने के कगार पर आ गया है, जैसे नई सदी के मुहाने पर सेल्युलाइड फिल्म और फिल्म प्रोजेक्टर ने एक दूजे का साथ छोड़ा था। अब कोरोना काल में जब सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर दो गज की दूरी और मास्क लगाने की अनिवार्यता घर से बाहर निकलने पर टोकने लगी है, ऐसे में सिनेमाघरों की रौनक लौटना दिवा स्वप्न सा है। जाहिर है कभी लोग सिनेमा तक पहुँचने को उतावले थे अब सिनेमा लोगों तक पहुँचने को बेताब है।
पहले वह टीवी के एंटीना, वीडियो कैसेट और डीवीडी के जरिये लोगों के घरों तक पहुंचा। फिर यूट्यूब और मोबाइल की स्मार्ट फ़ोन क्रांति ने सिनेमा के सामूहिक स्वरुप का रुख हर व्यक्ति की निजी पसंद की ओर मोड़ दिया। अब हाई स्पीड इन्टरनेट युग में दर्शकों को घर बैठे नई फ़िल्में अपनी सुविधानुसार देखने को मिल सकेंगी। न बाहर निकलने का झंझट न पार्किंग और टिकट का झमेला। गुलाबो सिताबो जैसी बहुप्रतीक्षित फिल्म ने तो केवल अमेज़न प्राइम की खिड़की से आपके घरों में झाँका है। अभी नेटफ्लिक्स, हॉट स्टार डिज्नी, ज़ी-5, हुलु, एयरटेल एक्सट्रीम वगैरह ने तो अपने पत्ते खोले ही नहीं हैं।
अमेजन प्राइम ने भी अमिताभ बच्चन आयुष्मान खुराना अभिनीत गुलाबो सिताबो को लेकर दर्शकों में उपजी अपार जिज्ञासा का मान रखते हुए उसे पंद्रह भाषाओं में सब टाइटल्स के साथ रिलीज़ किया। बताया जा रहा है कि करीब तीस करोड़ की लागत वाली इस फिल्म को प्रदर्शित करने के अधिकार अमेजन प्राइम ने पैंसठ करोड़ में खरीदे हैं। अक्षय कुमार की लक्ष्मी बम और विद्या बालन की शकुंतला देवी समेत कई अन्य फिल्में के आने वाले दिनों में डिजिटल प्लेटफार्म की शोभा बढाने की चर्चा है।

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