1857 की क्रांति में कईं ऐसे क्रांतिवीर हुए हैं जिनके बारे में प्रमाणिक विस्तृत जानकारी न होने से वे आज भी लोक कथाओ,
सांस्कृतिक समाचार
यही अपेक्षा है कि सरकार के सहयोग से माच कला निरंतर समृद्ध होती रहे – पदमश्री श्री ओम प्रकाश शर्मा
भारत का हदय अंचल मालवा भारतीय कला संस्कृति से समृद्ध है। यहां की माच कला पिछले दो सौ सालों से लोक मनोरंजन और मूल्यों
देश के स्वाभिमान की पुनर्स्थापना है श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा – डॉ. मोहन यादव
आज सौभाग्य का पावन अवसर है। सैकड़ों वर्षों बाद यह शुभ घड़ी आई है…अयोध्या में अपने जन्मस्थान पर रामलला विराजमान हो रहे हैं। पूरे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ओंकारेश्वर में वैदिक रीति-रिवाज से पूजा अर्चना की
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एकात्म धाम, ओंकारेश्वर में आदिगुरु शकराचार्य जी की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम के लिए वैदिक रीति-रिवाज से पूजा-अर्चना
मीडिया का कार्य है शासन के सभी अंगों को सचेत करना : उपराष्ट्रपति श्री धनखड़
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति ने उपाधियाँ प्रदान की उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा है कि लोकतंत्र के चतुर्थ
झमाझम बारिश के बावजूद भागवत कथा के शुभारंभ पर 51 महिलाओं ने निकाली कलश यात्रा
भोपाल(दिनेश दवे)कोलार स्थित श्रीअमरनाथ मन्दिर में आज भव्य भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारम्भ किया गया इस हेतु पैलेस आर्चर्ड के श्री लक्ष्मी नारायण
मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा धार में “सिलसिला एवं तलाशे जौहर” के तहत तबस्सुम धारवी और शांति सबा की स्मृति में स्मरण एवं रचना पाठ आयोजित
मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग के तत्त्वावधान में ज़िला अदब गोशा धार के द्वारा सिलसिला एवं तलाशे जौहर के तहत तबस्सुम
ऐ री सखी मंगल गाओ री….
मगन मन झूम उठा ‘स्वरांजलि’ का दरबा भोपाल। आस्था के उजाले में खिलते भक्ति के सुरभीने रंग बुधवार शाम श्रद्धालुओं को आनंद में भिगोते
शिक्षा में संस्कृत अनिवार्य करें
– डॉ. वेदप्रताप वैदिकगुजरात के शिक्षामंत्री से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ प्रमुख कार्यकर्ताओं ने अनुरोध किया है कि वे अपने प्रदेश में संस्कृत
कस्सू के चित्रों में देखने को मिलेगी भीली कथाओं और ग्राम्य जीवन की झलक – म.प्र. जनजातीय संग्रहालय में चित्र प्रदर्शनी 30 तक
भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय की ‘लिखन्दरा प्रदर्शनी दीर्घा’ किसी एक जनजातीय चित्रकार की प्रदर्शनी सह विक्रय का संयोजन शलाका नाम से प्रतिमाह किया जाता है। इसी