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हमारी जी.डी.पी. तो बढ़ रही है, किंतु हम प्रकृति को खोते जा रहे हैं – प्रो.चेतन सिंह सोलंकी

संदीप सृजन, प्रतिनिधि, उज्जैन। हमारी जीडीपी लगातार बढ़ रही है, लेकिन प्रकृति का स्तर गिरता जा रहा है। यह एक…

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लघुकथा सर्वाधिक आकर्षित करने वाली विधा है-डॉ विकास दवे

संदीप सृजन,प्रतिनिधि उज्जैन ।लघुकथा के लिए इंदौर नगर की साहित्यिक संस्था क्षितिज के द्वारा आयोजित किए गए सप्तम अखिल भारतीय…

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कालिदास दीनता और निराशा के गीत नहीं गाते, पुरुषार्थों की महिमा का वर्णन करते हैं – प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

संदीप सृजन प्रतिनिधि, उज्जैन। मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय…

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संस्कृत शब्दानुशासन के अंतिम रचयिता कलिकालसर्वज्ञा हेमचन्द्राचार्यजी

संदीप सृजन विश्व के इतिहास में संस्कृत के मध्यकालीन रचनाकारों में प्रसिद्ध जैन आचार्य हेमचन्द्राचार्यजी का नाम विशेष महत्व रखता…

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