भोपाल। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में नृत्य,गायन एवं वादन पर केंद्रित गतिविधि “संभावना” का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 21 दिसंबर, 2025 को गोविंदसिंह यादव एवं साथी, गंजबासोदा द्वारा राई नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
यह नृत्य बुंदेलखंड के जनमानस का हर्ष और उल्लास अभिव्यक्त करता है। इस नृत्य में कलाकार फागें गा कर नृत्य करते हैं। राई के गीत ख्याल, स्वाँग आदि और भी कई प्रकार के होते हैं। मृदंग की थाप पर घुंघरुओं की झंकारती राई और उसके साथ नृत्यरत स्वांग मनोरंजन के साथ परंपरा को व्यक्त करते हैं। राई नृत्य के साथ यहाँ विशेषतः सुप्रसिद्ध लोक कवि ईसुरी की फागें भी गाई जाती हैं। मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय परिसर में प्रत्येक रविवार दोपहर 02 बजे से आयोजित होने वाली गतिविधि में मध्यप्रदेश के पांच लोकांचलों एवं सात प्रमुख जनजातियों की बहुविध कला परंपराओं की प्रस्तुति के साथ ही देश के अन्य राज्यों के कलारूपों को देखने समझने का अवसर भी जनसामान्य को प्राप्त होगा।
















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