सुरेश तन्मय
स्वस्थ तन मन स्वस्थ जीवन
स्वच्छ घर परिवेश हो
स्वस्थ सुंदर दिव्यता से
पूर्ण भारत देश हो।
गाँव घर गलियाँ शहर
सब प्रदूषण से मुक्त हो
हो सुदर्शन स्वच्छ जंगल
हरीतिमा से युक्त हो।
बस जरा सा वक्त बाँटें
शुद्ध कर्म विशेष हो।….
गंदगी से संक्रमण फैले
जटिल से रोग पनपे
मलिनता मस्तिष्क मन में
संक्रमण रोगों का तन पे
जुटें मिल कर हम सभी
नहीं गंदगी अब शेष हो।
जहाँ भी है स्वच्छता
बल बुद्धि विद्या भी वहीं
परस्पर सद्भाव स्नेहिल
प्रेम की सरिता बही,
स्वच्छता की पूँजी का
हित राष्ट्र के विनिवेश हो।
स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत
ध्येय केवल एक हो
राष्ट्र मंदिर को समर्पित
स्वच्छता अभिषेक हो,
स्वच्छ कर्मों को हमारे
देख खुश अवधेश हो।
सम्पर्क-भोपाल/अलीगढ़
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