भोपाल । जनजातीय कार्य विभाग द्वारा मंगलवार को बावड़िया कला स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ई.एम.आर.एस) गुरुकुलम् में ‘होम-सिकनेस और मानसिक स्वास्थ्य’ विषय पर सत्र का आयोजन किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत “संवाद” शृंखला के तहत आयोजित इस प्रदेश स्तरीय सत्र में मध्यप्रदेश के जनजातीय व विशिष्ट पिछड़ी जनजाति विद्यार्थियों ने सहभागिता दर्ज कराई। विभाग द्वारा प्रदेश के 23 जनजातीय बाहुल्य जिलों के कुल 100 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, सी.एम. राइज विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, आदर्श आवासीय विद्यालय, मैपसेट केन्द्रों व छात्रावासों में अध्ययनरत विद्यार्थियों ने भी वर्चुअली हिस्सा लिया। विभाग की मनोवैज्ञानिक व काउंसलिंग सलाहकार सुश्री प्रिया सोनपार ने ई.एम.आर.एस. भोपाल के सभागार में 500 से अधिक विद्यार्थियों व स्टाफ को सत्र के दौरान संबोधित किया। साथ ही ज़ूम पर विभाग के 100 से अधिक संस्थानों के हजारों विद्यार्थी व कर्मचारी इस सत्र में शामिल हुए।
सत्र में नवप्रवेशित जनजातीय व विशेष पिछड़ी जनजाति के विद्यार्थियों के आवासीय विद्यालयों व छात्रावासों में प्रवेश के दौरान दी जाने वाली सलाह, साथ व मार्गदर्शन के बारे में बताया गया। प्रतिभागियों को मानसिक स्वास्थ्य और प्रसन्नता पूर्वक विद्यार्थी जीवन जीने के गुर भी सिखाए गए। साथ ही विद्यार्थियों, प्राचार्य, शिक्षक व छात्रावास अधीक्षकों को अपने घर से दूरस्थ संस्थानों में शिक्षण के दौरान आने वाले उतार-चढ़ाव, जरूरतों व सुझावों के बारे में भी बताया गया। इस अवसर पर ई.एम.आर.एस. भोपाल के प्राचार्य डॉ. यशपाल सिंह, विभागीय शिक्षा कंसल्टेंट आशुतोष श्रीवास्तव, कंसल्टेंट अमित पाठे पवार व अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
जनजातीय व पी.वी.टी.जी. विद्यार्थियों ने सीखे मानसिक स्वास्थ्य व प्रसन्न विद्यार्थी जीवन के गुर

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