Advertisement

“आष्टा–रानीपुरा जल परियोजना – सीहोर के गाँवों में विकास की नई धारा”

सीहोर : सीहोर जिले में ग्रामीण जीवन को बदलने वाली आष्टा–रानीपुरा समूह जल प्रदाय परियोजना आज एक मील का पत्थर बनने जा रही है। जल जीवन मिशन के तहत 1478 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रही यह परियोजना केवल एक विकास कार्य नहीं, बल्कि ग्रामीण परिवारों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने वाला सशक्त माध्यम है। सुरक्षित पेयजल की कमी से परेशान सैकड़ों गांवों के लिए यह योजना उम्मीद की ऐसी किरण बनी है, जिसने क्षेत्र के भविष्य को नई दिशा दी है।

      इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य 719 गांवों के 91,972 परिवारों तक नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल पहुंचाना है और प्रशासन की दृढ़ता तथा सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है कि आज इस परियोजना की कुल भौतिक प्रगति 62 प्रतिशत हो चुकी है। इंटेक वॉल का 65%, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का 70%, तथा 245 में से 175 ओवरहेड टैंक पूर्ण हो चुके हैं। 05 इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशनों में से 3 का निर्माण भी पूरा हो चुका है, जबकि 4,625 किमी लंबी पाइपलाइन में से 2,225 किमी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है। यह गति सिद्ध करती है कि यह परियोजना किस तरह एक सुव्यवस्थित और पारदर्शी कार्यप्रणाली के साथ आगे बढ़ रही है।

      इस परियोजना के पीछे केवल तकनीकी प्रगति ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक नेतृत्व और जनसहभागिता का शानदार समन्वय भी है। मध्यप्रदेश जल निगम, जिला प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सतत निरीक्षण एवं मार्गदर्शन ने परियोजना को मज़बूत आधार प्रदान किया है। वहीं ग्राम स्तर पर जल समितियों की सक्रिय भागीदारी ने इस योजना को स्थायी और सामुदायिक स्वरूप दिया है। परियोजना के पूर्ण होने पर आष्टा–रानीपुरा क्षेत्र के गांवों में हर घर नल से जल पहुँचने लगेगा। इससे महिलाओं और बच्चों को पानी लाने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी, जलजनित रोगों में कमी आएगी, स्कूली शिक्षा में नियमितता बढ़ेगी और स्वास्थ्य स्तर में उल्लेखनीय सुधार होगा। यह योजना सिर्फ पेयजल उपलब्ध कराने की पहल नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में वास्तविक परिवर्तन लाने वाला सामाजिक–आर्थिक सुधार भी है।

      आष्टा–रानीपुरा समूह जल प्रदाय परियोजना इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार की नीतियाँ, प्रशासन की कार्यकुशलता और जनता की सहभागिता एक साथ काम करती है, तब बदलाव केवल कागज़ पर नहीं, बल्कि ज़मीन पर दिखाई देता है। यह परियोजना आने वाले समय में सीहोर जिले की सबसे प्रेरक परियोजना के रूप में याद की जाएगी—एक ऐसी परियोजना जिसने हजारों परिवारों के जीवन में स्वच्छ जल की धारा के साथ उम्मीद, स्वास्थ्य और विकास की नई शुरुआत की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *