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स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट द्वारा 3-दिवसीय केस स्टडी कार्यशाला का आयोजन किया गया

भोपाल।  स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के शारदा सभागार में स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट द्वारा “एनालिटिका” पर 3 दिवसीय केस स्टडी कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के चीफ़ मैनेजर डॉ. परमजीत सिंह ,एसजीएसयू के कुलाधिपति डॉ. सिद्धार्थचतुर्वेदी, कुलगुरु डॉ. विजय सिंह, कुलसचिव डॉ. सितेश सिन्हा, डीन एकेडमिक्स डॉ. विनोद कुमार गुप्ता एवं डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. विनोद कुमार शर्मा उपस्थित रहे।

इस कार्यशाला का उद्देश्य एमबीए और बीबीए विद्यार्थियों की विश्लेषण, प्रबंधकीय एवं समस्या-समाधान क्षमताओं को मजबूत करना था। कार्यक्रम का संचालन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की फैकल्टीज डॉ. हिमाद्री श्रीवास्तव एवं डॉ. अराधना त्यागी द्वारा किया गया।

मुख्य वक्ता डॉ. परमजीत सिंह द्वारा विद्यार्थियों को बिज़नेस एनालिटिक्स, केस स्टडी की भूमिका और प्रभावी विश्लेषण के ढांचे से परिचित कराया गया तथा इंटरएक्टिव क्लास एक्टिविटी एवं आउटडोर सिमुलेशन के माध्यम से सीखने का अनुभव मिला।

दूसरे दिन मार्केटिंग, फ़ाइनेंस एवं ऑपरेशंस विषयों पर गहन केस विश्लेषण, टीम-आधारित प्रस्तुति एवं वास्तविक व्यवसायिक समस्याओं पर समाधान तैयार करने की गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

तीसरे दिन उद्योग से जुड़े समसामयिक चुनौतियों, व्यवहारिक प्रबंधन एवं प्रेजेंटेशन कौशल पर केंद्रित सत्र हुए, जिसमें विद्यार्थियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन उनकी विश्लेषणात्मक सोच एवं प्रस्तुति क्षमता के आधार पर किया गया।

कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों ने बताया कि इस अनुभव ने उनके आत्मविश्वास, निर्णय-क्षमता तथा वास्तविक व्यावसायिक परिस्थितियों को समझने की क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि की है।

एसजीएसयू के कुलाधिपति डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी कार्यशालाएँ विद्यार्थियों में इंडस्ट्री रेडीनेस, स्ट्रेटेजिक थिंकिंग, टीमवर्क, कम्युनिकेशन स्किल्स और मैनेजरियल एप्रोच को विकसित करने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती हैं।

एसजीएसयू के कुलपति डॉ. विजय सिंह और कुलसचिव डॉ. सितेश सिन्हा ने कहा कि Analytica  जैसे प्रैक्टिकल वर्कशॉप विद्यार्थियों की निर्णय क्षमता और आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं तथा उन्हें वास्तविक व्यावसायिक परिस्थितियों को समझने में मदद करते हैं यह कार्यशाला छात्रों के लिए सीखने, टीमवर्क विकसित करने और समस्या-समाधान कौशल को मजबूत करने का एक मूल्यवान अवसर साबित हुई।

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