विविध कलानुशासनों की प्रस्तुतियों एकाग्र सातत्य का आयोजन

भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा 75वें आज़ादी अमृत महोत्सव के तहत विविध कलानुशासनों की प्रस्तुतियों एकाग्र सातत्य का आयोजन प्रतिदिन मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में किया जा रहा है। कार्यक्रम के दूसरे दिन 9 मार्च,2022 बुधवार को सुश्री मनीषा शास्त्री एवं साथियों, महेश्वर द्वारा निमाड़ी लोक गायन और श्री संजय पाण्डेय एवं साथियों, जबलपुर द्वारा बुन्देली लोकनृत्य की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम की शुरूआत कलाकारों के स्वागत से हुई, जिसमें जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी निदेशक डॉ. धर्मेंद्र पारे द्वारा कलाकारों का स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम निमाड़ी लोक गायन की प्रस्तुति दी गई। जिसमें कलाकारों ने मूषक चढ़त गणपति आया…, आयो बसंत बहार…, चलो हो सखी गोकुल…, म्हारा घर मा चोक दुरावी…, सात गुफा को रयणु…,हऊ तो घर लीपुं न लीपुं…, नानी नणंद म्हारी…, गीतों की प्रस्तुति दी। मंच पर गायन में मनीषा शास्त्री, सहगायन में संगीता सोनी और सलोनी गीते, हारमोनियम पर नरेंद्र गीते, तबले पर प्रवीण गीते, ढोलक पर मिहिर अम्बेकर, झांझ पर जगदीश पाटीदार ने संगत की।
दूसरी प्रस्तुति बुन्देली लोकनृत्य की दी गई। इस प्रस्तुति में कलाकारों ने बुन्देली बधाई एवं बुन्देली करमा नृत्य की प्रस्तुति दी। बधाई नृत्य देवी देवताओं को धन्यवाद देने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस नृत्य के अन्तर्गत किए जाने वाले धन्यवाद अथवा बधाई के इस विशेष प्रदर्शन के कारण ही नृत्य का नाम बधाई पड़ा है। इस नृत्य में ढपला, रंतूला, लोटा जैसे वाद्ययंत्रों का प्रयोग होता है। बुन्देली करमा नृत्य करमा गायकी पर आधारित प्रस्तुति रही। इस नृत्य को भी खुशियों क् अवसर पर किया जाता है। कार्यक्रम में अगली प्रस्तुति ढिमरयाई नृत्य की दी गई। प्रस्तुति के दौरान गायन में संजय पाण्डे, रोहित तिवारी, सुदामा चौधरी, प्रेम विश्वकर्मा एवं अन्य संगत की। कार्यक्रम का ऑनलाइन प्रसारण भी सोशल मीडिया के अलग अलग प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है।

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