भोपाल। मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में आयोजित बहुविध कलानुशासनों की गतिविधियों एकाग्र ‘गमक: रंग मध्यप्रदेश’ श्रृंखला अंतर्गत साहित्य अकादमी द्वारा श्री संजय गर्ग, जबलपुर के निर्देशन में ‘बाल साहित्य विमर्श एवं बच्चों की धमाल’ नाटक का मंचन किया गया। इस नाट्य प्रस्तुति में हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ रचनाकारों की बाल रचनाओं एवं कविताओं पर गीत, संगीत, नृत्य और अभिनय के माध्यम से प्रस्तुति दी गई। जिसमें- यह कदम का पेड़ अगर मैं होता यमुना तीरे- सुभद्रा कुमारी चौहान, नटखट हम हां नटखट हम-सभा मोहन अवधिया “स्वर्ण सहोदर”, आओ प्रिय ऋतुराज किंतु धीरे से आना -सुभद्रा कुमारी चौहान, बबली लोली कुत्ते दो – अटल बिहारी वाजपेई, मां के ठाकुर जी भोले हैं- महादेवी वर्मा और अब यह चिड़िया कहां रहेगी- महादेवी वर्मा, हठ कर बैठा चांद एक दिन माता से यह बोला -रामधारी सिंह दिनकर, चल परियों के देश- रघुवीर सहाय और बाबा आज तुम देल से आए चिज्जी विज्जी कुछ ना लाए- श्रीधर पाठक आदि कविताओं को समाहित किया गया।
संगीत डॉ शिप्रा सुल्लेरे का था, वेशभूषा एवं मंच प्रबंधन दविंदर सिंह ग्रोवर का था,
गायक मंडली में मुस्कान सोनी, आयुष रजक, अब्दुल रहमान, सूत्रधार की भूमिका में अंजली सोनी, वायलीन पर अनामिका कश्यप, तबला पर मनीषा तिवारी, ढोलक पर समीर सराठे और धीरज कुमार, पूजा कनौजिया आशुतोष, सजल सोनी, पलक गुप्ता, सृष्टि सुहाने, शेफाली सुहाने, आकर्ष जैन आदि ने मंच पर अभिनय किया।
श्री गर्ग पिछले तीस वर्षों से रंगकर्म से जुड़े हैं, अब तक दस नाटकों को लेखन और 40 नाटकों का सफल निर्देशन कर चुके हैं, आपने लगभग सत्तर नाटकों में अभिनय किया है और पिछले पंद्रह वर्षों से बाल-रंगकर्म में सक्रिय हैं। आप प्रतिवर्ष ग्रीष्मकाल में बच्चों के कम से कम दो नाटक अवश्य आयोजित करते हैं। आपको कई सम्मान प्राप्त हैं।
गतिविधियों का सजीव प्रसारण संग्रहालय के सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब http://bit.ly/culturempYT और फेसबुक पेज https://www.facebook.com/culturempbpl/live/ पर भी किया गया।