पिछले कई दिनों से भोपाल शहर का हृदय स्थल कहे जाने वाले न्यू मार्केट को व्यवस्थित ढंग से सजाने के प्रयास नगर निगम, स्थानीय प्रशासन एवं व्यापारियों के द्वारा किए जा रहे हैं। लेकिन गुरुवार को व्यापारियों के बीच उस समय हड़कंप देखा गया जब म्युनिसिपल मजिस्ट्रेट की मोबाइल कोर्ट ने अतिक्रमण के विरुद्ध चालानी कार्रवाई शुरू कर दी जिससे नाराज व्यापारी अपनी दुकानें बंद कर हनुमान मंदिर के सामने एकत्र होने लगे। व्यापारियों का कहना था कि अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई शैली पर विचार होना चाहिए, उनका यह भी कहना था कि, इस संबंध में प्रशासन को क्राइटेरिया तय करना चाहिए। हालांकि शादी के सीजन को देखते हुए आपसी विचार-विमर्श में यह तय किया गया अभी दुकानें बंद करना उचित होगा। अब स्थिति को समझें तो हमें यह ज्ञात होगा कि न्यू मार्केट में आने वाले ग्राहकों को खरीदारी के लिए व्यवस्था सुगम हो, आवागमन में परेशानी ना हो इसे देखते हुए प्रशासन समय-समय पर अतिक्रमण विरुद्ध कार्रवाई करता आया है और संभवत इसीलिए इस क्षेत्र को नो व्हीकल जोन भी बनाया गया है। लेकिन देखने में यह आया है कि अपनी रोजी-रोटी कमाने वाले छोटे दुकानदार, हॉकर्स के कारण समस्या सुधरने की अपेक्षा बिगड़ती दिखाई दे रही है। लगभग डेढ़ दशक पूर्व जिला प्रशासन की कार्रवाई के बाद हॉकर्स मार्केट से बाहर तो हुए थे लेकिन यह व्यवस्था ज्यादा दिन चल नहीं पाई। अब फिर से मार्केट पर हॉकर्स का कब्जा होता हुआ दिखाई दे रहा है। व्यापारी भी इसी समस्या को लेकर कई दिनों से प्रशासन से मांग करते आ रहे हैं, उनकी यह मांग जायज भी है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में जिस तरह दुकानों को विस्थापित किया गया है उसी प्रकार हॉकर्स को भी कहीं निर्धारित जगह प्रदान कर देनी चाहिए ताकि यह विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो जाए। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन भी इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहता है। अब यह तय हुआ है कि नगर निगम और न्यू मार्केट व्यापारी संघ मिलकर हॉकर्स के लिए नई जगह तलाशेंगे। इससे हॉकर्स का रोजगार भी नहीं छिनेगा और उनके बैठने के स्थान को एक अलग पहचान मिलेगी।
यतीन्द्र अत्रे
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