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शाला पूर्व शिक्षा सेमिनार : बच्चों की मजबूत बुनियाद गढ़ने की पहल

भोपाल : महिला एवं बाल विकास विभाग, फंदा परियोजना और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन (फंदा ग्रामीण) के संयुक्त तत्वावधान में बैरागढ़ स्कूल में एक दिवसीय शाला पूर्व शिक्षा सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में परियोजना की 18 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आलोक में 3-6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए की जा रही शैक्षिक गतिविधियों, नवाचारों और अनुभवों को पेपर के माध्यम से प्रस्तुत किया।कार्यकर्ताओं की प्रस्तुतियों में शारीरिक, मानसिक, सामाजिक -भावनात्मक, सौंदर्यबोध और भाषायी विकास के पांच प्रमुख क्षेत्रों में किए गए कार्यों की सराहनीय झलक देखने को मिली। लगभग 150 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी इस कार्यक्रम में रही।

आईसीडीएस परियोजना अधिकारी सुश्री कोमल सिंह ने प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा “शाला पूर्व शिक्षा के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित होता है, बल्कि यह उनकी आगे की शिक्षा की ठोस नींव भी रखता है।” उन्होंने कहा कि प्रत्येक केंद्र में शाला पूर्व शिक्षा का लाभ हर बच्चे तक पहुंचे, ताकि शिक्षा की बुनियाद और अधिक सशक्त हो सके। इन प्रयासों से न केवल बच्‍चों के नामांकन दर में वृद्धि हो रही है, बल्कि बच्चों का बौद्धिक विकास भी सुदृढ़ हो रहा है।

डाइट प्राचार्य सुभाष गुप्ता ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण है, वे बच्चों की प्रारंभिक समझ और जिज्ञासा की दिशा तय करती हैं। उन्होंने सेमिनार में प्रस्तुत किए गए अनुभवों को शैक्षिक सुधार की दिशा में मील का पत्थर बताया। इस प्रकार के आयोजनों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नवाचार और सृजनशीलता के नए अवसर प्राप्त होते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होती है। अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के ब्लॉक समन्वयक श्री सिद्धार्थ कुमार जैन ने कहा कि “इन प्रयासों से बच्चों में सीखने की रुचि और उनकी सामाजिक- मानसिक क्षमताओं का विकास हो रहा है। यह मंच कार्यकर्ताओं के लिए नवाचार और अनुभव साझा करने का एक सशक्त अवसर है।” उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों को शैक्षिक गतिविधियों का एक सशक्त केंद्र बनाने की दिशा में और प्रयास करने की बात कही।

सेमिनार के दौरान कार्यकर्ताओं ने बताया कि किस तरह खेल, कहानियाँ, कला और रचनात्मक गतिविधियों के ज़रिये बच्चों में सीखने की क्षमता और भागीदारी को बढ़ाया जाता है। सेक्टर मीटिंग्स को उन्होंने अपने शिक्षण दृष्टिकोण को समृद्ध करने वाला मंच बताया। सेमिनार के अंत में सभी वक्ता आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मानस्वरूप प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। यह प्रमाण पत्र सीडीपीओ सुश्री कोमल सिंह और अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के जिला समन्वयक परेश पंड्या द्वारा वितरित किए गए। इस अवसर पर शाला पूर्व शिक्षा के विभिन्न आयामों पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें टीएलएम, कहानी- कविता पोस्टर, पोर्टफोलियो और बच्चों की कलाकृतियाँ प्रदर्शित की गईं। सेमिनार की शुरुआत में पेपर प्रस्तुत करने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का बैच लगाकर सुपरवाइजर सुषमा पाटीदार, मंजूषा राज, मृदुला सक्‍सेना, सागर मेवाडा, मधु मिश्रा, रजनी गुप्‍ता ने अभिनंदन किया गया।

कार्यक्रम का प्रभावी संचालन अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन की पारूल बत्रा ने किया। आयोजन के सफल संयोजन में शुभ्रा मिश्रा, दीपा जोस, इंद्रनील, पूजा सक्सेना, राखी सोनी और रमाकांत प्रसाद का विशेष योगदान रहा।

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