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नेट/जेआरएफ क्वालिफाइड डॉ. अनिल पाटीदार ने बताई- राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा की तैयारी की कार्यनीति और सफलता के सूत्र

बडवानी : भारत की प्रतिष्ठित परीक्षाओं में नेट यानी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा भी शामिल है. इसकी तीन श्रेणियां हैं. नेट-जेआरएफ, नेट-लेक्चररशिप पात्रता और नेट-पीएच. डी. पात्रता. यह उच्च शिक्षा में करियर बनाने का प्रमुख आधार है. इसे उत्तीर्ण करने पर आप जूनियर रिसर्च फेलोशिप प्राप्त करके आकर्षक छात्रवृत्ति प्राप्त कर सकते हैं. कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, लायब्रेरियन, स्पोर्ट्स ऑफिसर आदि बन सकते हैं. किसी भी विश्वविद्यालय से पीएच. डी. कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं. यह वर्ष में दो बार होती है. इसका स्तर काफी उच्च होता है और इसमें सफलता प्राप्ति के लिए योजनाबद्ध ढंग से और नियमित तथा निरंतर तैयारी की आवशयकता होती है. ये बातें प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बड़वानी के स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित परामर्श कार्यक्रम में नेट/जेआरएफ क्वालिफाइड शासकीय महाविद्यालय पाटी के इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनिल पाटीदार ने कहीं. यह आयोजन प्राचार्य डॉ. वीणा सत्य के मार्गदर्शन में किया गया. इस अवसर पर डॉ. बलराम बघेल और सुश्री वर्षा शिंदे भी उपस्थित थीं. इस तरह करें तैयारी डॉ. पाटीदार ने कहा कि सबसे पहले नेट के दोनों पेपर्स के सिलेबस प्राप्त करें और उन्हें अच्छे से पढ़कर समझ लें. आपको याद हो जाना चाहिए कि आपके सिलेबस में कौन-कौनसे चौप्टर्स शामिल हैं. इसके उपरान्त प्रामाणिक पुस्तकों का संकलन करें. नेट के सिलेबस के अनुसार मिलने वाली पुस्तकों के साथ ही कांसेप्ट को क्लियर करने के लिए एनसीईआरटी की किताबें और संदर्भ पुस्तकें भी जुटा लेवें. सिलेबस के अनुसार पहली रीडिंग तेजी से लगा लें. दूसरी रीडिंग में किताबों पर महत्वपूर्ण बातों को रेखांकित करें. तीसरी रीडिंग में नोट्स तैयार करें. दो-तीन माह की पढ़ाई के बाद ऑनलाइन और ऑफ़लाइन टेस्ट पेपर्स हल करना प्रारम्भ करने. अपनी प्रगति का विवरण रखें. विषय विशेषज्ञों से परामर्श लेते रहें. पूर्व में सफल हो चुके युवाओं से भी परामर्श प्राप्त करें. यदि आसानी से कोचिंग क्लास उपलब्ध हो और आप चाहें तो कुछ माह कोचिंग क्लास भी अटेंड कर सकते हैं. संचालन रितिका गेहलोत ने किया. आभार नमन मालवीय ने व्यक्त किया. आयोजन में सहयोग वर्षा मुजाल्दे, सुन्दर अलावे, अजय सस्ते, सलोनी वास्कले, अजय चौहान एवं डॉ. मधुसूदन चौबे ने किया.

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