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जल गंगा संवर्धन अभियान से खेतों में लौटी हरियाली, किसानों के जीवन में आई समृद्धि

भोपाल : प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संकल्प “पर्यावरण संरक्षण एवं जल बचाओ” को साकार करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देशन में “जल गंगा संवर्धन अभियान” मध्यप्रदेश में एक जनांदोलन का रूप ले चुका है। प्रदेशभर में 30 जून तक चलाए जा रहे इस अभियान ने हजारों किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।

भोपाल जिले की ग्राम पंचायत मनीखेड़ी गुनगा के कृषक श्री अर्जुन सिंह पिता श्री राम सिंह इसका जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने शासन की इस योजना का लाभ उठाते हुए अपने खेत में एक तालाब का निर्माण करवाया है, जिसकी भराव क्षमता 3600 घन मीटर है। ₹4.74 लाख की लागत से निर्मित यह तालाब न केवल सिंचाई के लिए जल का स्थायी स्रोत बनेगा, बल्कि इसके माध्यम से मछली पालन जैसी आयवर्धक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

श्री अर्जुन सिंह ने बताया कि पूर्व में उन्हें पूरी तरह वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब इस तालाब के जल से वे कम वर्षा में भी अपनी फसलों की सिंचाई कर सकेंगे। इससे उन्हें पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सब्जियों और फलदार फसलों की खेती करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वे मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री को इस दूरदर्शी अभियान के लिए हृदय से धन्यवाद देते हैं। तीन माह से चल रहा है जल सहेजने का समर्पित अभियान भोपाल जिले सहित पूरे प्रदेश में विगत तीन माह से जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। नए तालाबों के निर्माण के साथ-साथ पुराने तालाबों, बावड़ियों और कुँओं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। नदियों की साफ-सफाई एवं जल संचयन हेतु भी अनेक पहलें अपनाई गई हैं।

इस अभियान का मूल उद्देश्य जल संरक्षण को जनभागीदारी से जोड़ना और भावी पीढ़ियों के लिए जल-सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना है। जल केवल कृषि या उद्योग के लिए ही नहीं, बल्कि हर जीव के अस्तित्व से जुड़ा अमूल्य संसाधन है। इसे बचाना हम सभी का सामाजिक और नैतिक कर्तव्य है।

जल है तो कल है – जल गंगा संवर्धन अभियान का यह मंत्र अब हर गांव, हर किसान की प्रेरणा बन चुका है।

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