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संग्राम सागर: जल प्रबंधन की अद्भुत विरासत

जबलपुर : वीरांगना रानी दुर्गावती गोंडवाना क्षेत्र में जल प्रबंधन के क्षेत्र में कई उल्‍लेखनीय कार्य की है। उनके जल प्रबंधन के विरासत से 461 साल बाद भी लोगों को पीने के लिए पानी तथा फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है। वीरांगना रानी दुर्गावती ने जल प्रबंधन के लिए कई महत्‍वपूर्ण कार्य किये हैं, जिनमें उन्‍होंने तालाबों व जलाशयों का निर्माण किया। जल संचय के वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया, जिसके कारण उनके द्वारा निर्मित जलाशयों के पानी जब ओव्‍हर फ्लो होता था तो स्‍वमेव दूसरे जलाशय में चला जाता था। जल प्रबंधन के उनके इंटरकनेक्‍टेड सिस्‍टम अद्भुत है। कहा जाता है कि उन्‍होंने जबलपुर में 52 जलाशयों का निर्माण किया था, जिसमें संग्रामसागर, रानीताल, आधारताल, मढ़ोताल, चेरीताल, सूपाताल, हनुमानताल आदि अनेक जलाशय थे। जो तत्‍समय के विशिष्‍ट लोगों के नाम से आज भी विख्‍यात हैं। संग्राम सागर उन्‍होंने अपने ससुर संग्राम शाह के नाम से सुंदर पहाडि़यों के बीच में बनवाई थी। जिसे जबलपुर का एयरकंडीशनर भी कहा जाता है। यह सुंदर जलाशय एक आकर्षक पर्यटन स्‍थल के रूप में शहर के मध्‍य स्थित है। चूंकि पहाडि़यों के बीच होने से इस क्षेत्र में कई प्रजातियों की पक्षियां देखने को मिल जाती है। साथ ही एक लोकप्रिय पर्यटन स्‍थल के रूप में अपना स्‍थान बना चुका है। संग्राम सागर को पहले जैसे उसके वास्‍तविक स्‍वरूप में लाने के लिए शहर के जागरूक लोगों ने सार्थक प्रयास किया और उस विरासत को नए स्‍वरूप में लाया गया। संग्राम सागर के पुनर्जीवन से वहां साल भर पर्याप्‍त पानी रहता है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग जाते हैं। संग्राम सागर वाकई जबलपुर के अद्भुत सौंदर्य से युक्‍त भरा पूरा तालाब है। इसकी सुंदरता के लिए स्‍थानीय प्रशासन के प्रयास ने भी चार चांद लगा दिया है।

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