पति-पत्नी दोनों दादी के पास अपने नन्हें-मुन्ने छोड़कर कर रहे है सेवा


खरगोन । कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से जहां लोग घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं वहीं स्वास्थ एवं आयुष विभाग में पदस्थ पति-पत्नी दोनों अपने छोटे-छोटे नन्हें- मुन्ने बच्चों को उनकी दादी के पास छोड़कर लोगों की सेवा करने में जुटे है। कोरोना के विरूद्ध जंग के ये रियल लाईफ के हीरों है, जो बच्चों की परवाह के बगैर सेवा कार्य में जुटे है। खरगोन में आयुष विभाग में पदस्थ डॉ. अर्जुनसिंह परिहार मरीजों की सेवा में निरंतर लगे हुए है। वहीं उनकी पत्नी निताषा परिहार स्टॉफ नर्स अपने पति से दूर इंदौर में सेवाएं दे रही है। डॉ. परिहार का एक छोटा 18 माह व एक 4 वर्ष का बेटा है। कोरोना संक्रमण के कारण अपने बच्चों को दूर रखकर निरंतर सेवा कर रहे है। उन्होंने अपने दोनों बेटों को खरगोन में ही उनकी बुआ के पास छोड़ा है। डॉ. परिहार बताते है कि खरगोन में ही रहकर अपने बच्चों से नहीं मिल पाना कितनी बड़ी मजबुरी है। फिर भी अपने बच्चों को दूर से ही हाय, हैलों कर चले आना पिता पर क्या बीतती है। यह एक पिता ही समझ सकता है। हम दोनों के लिए चुनौति भरा है। हम पर जो जिम्मेदारी आई है, वो हम दोनों के लिए बड़ी है। कुछ समय के बाद सब ठीक होगा, लेकिन फिलहाल सेवा धर्म का पालन करना ही हमारी पहली प्राथमिकता है।

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