सागर । मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा सागर जिले में लॉकडाउन के कारण रूके हुये मध्यप्रदेश के दूसरे जिलों के मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके गृह जिले को भेजने का कार्य शुरू हो गया है। कलेक्टर के मार्गदर्शन में सभी संबंधित एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ द्वारा कार्य योजना तैयार की गई। मांग अनुसार बसों की व्यवस्था आरटीओ द्वारा की गई। जिला प्रशासन सागर द्वारा जिस जिले के मजदूरों को भेजा जा रहा उस जिले के कलेक्टर को इसकी जानकारी से अवगत करा दिया गया है ताकि मजदूरों को उनके घर पहुंचने में दिक्कत न आए। जिले में लॉकडाउन के कारण लगभग साढ़े बारह हजार मजदूर सागर जिले की विभिन्न तहसीलों में रूके हुये थे। यहां यह मजदूर काम के लिये आए थे। लॉकडाउन होने के कारण ये अपने घरों को जाना चाहते थे परन्तु यातायात के साधन बंद होने से नही जा पा रहे थे। यहा मजदूरों के लिये भोजन एवं रूकने के प्रबंध किये गए थे। राज्य सरकार द्वारा मजदूरों की समस्या को देखते हुये उन्हें बसों के माध्यम से भेजने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये गए है।
मजदूरों को बसों में बैठाने से पहले बसों को सेनेटाईज किया गया। मजदूरों को बसों से भेजने में कोरोना संक्रमण से रोकथाम संबंधी नियमों का पालन किया गया। मजदूरों को भोजन कराया गया। उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिले के विभिन्न स्थानों से मजदूरों को बसों में बैठाकर उनके जिलों के रवाना किया गया। जिस जिले के मजदूर कम संख्या में होंगे उन्हें छोटे वाहन से जैसे, बुलोरो आदि से भेजा जायेगा। सागर में रूके हुये मजदूर उमरिया, शहडोल, सतना, अनूपपुर, सीधी, रीवा, रायसेन, पन्ना, कटनी, झाबुआ, डिंडोरी, दमोह, छिदवाडा एवं बालाघाट आदि जिलों से थे। मजदूरों को सकुशल उनके जिले तक पहुंचाया जा सके इसके लिये नोडल अधिकारी और वाहन प्रभारी भी नियुक्त किये गए है। प्रत्येक बस के साथ एक वाहन प्रभारी भी भेजा गया है।