मानव संग्रहालय में इस सप्ताह का प्रादर्श है:-“एराजबाला”- एक मुखौटा

भोपाल। इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के नवीन श्रृंखला ‘सप्ताह का प्रादर्श’ के अंतर्गत दिसम्बर माह के दूसरे सप्ताह के प्रादर्श के रूप में एराजबाला- एक मौखोटा। इसे संग्रहालय द्वारा सन,1996 में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में निवासरत मुरिया जनजाति समुदाय से संकलित किया गया है। इस प्रादर्श को इस सप्ताह दर्शकों के मध्य प्रदर्शित किया गया।
इस सम्बन्ध में संग्रहालय के निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि ‘सप्ताह के प्रादर्श’ के अंतर्गत संग्रहालय द्वारा पूरे भारत भर से किए गए अपने संकलन को दर्शाने के लिए अपने संकलन की अति उत्कृष्ट कृतियां प्रस्तुत कर रहा है जिन्हें एक विशिष्ट समुदाय या क्षेत्र के सांस्कृतिक इतिहास में योगदान के संदर्भ में अद्वितीय माना जाता है। मुखौटे विभिन्न औपचारिक या उद्देश्यपूर्ण अवसरों पर पहने जाते हैं। इनकी निर्माण सामग्री में भिन्नता उपयोगकर्ता पर निर्भर करती है। हर मुखौटा एक पात्र का प्रतिनिधित्व करता है, वह चाहे दानव हो या देवता। एराजबाला लकड़ी का एक हल्का मुखौटा है जिसे नृत्य प्रस्तुति, विशेष रूप से छेरता अभियान की समारोहिक यात्रा और अन्य त्योहारों पर मुरिया विदूषक द्वारा पहना जाता है।
इस प्रादर्श के बारे में डॉ सुदीपा रॉय ने बताया की, छेरता लोकप्रिय उत्सवों में से एक है जिसका आयोजन मुरिया लड़के और लड़कियां बड़े उत्साह से करते हैं। प्रमुख नर्तक एक मसखरे के वेश में ग्राम वासियों का मनोरंजन करता है और वे घर-घर जाकर नृत्य करते हैं और सामूहिक भोज की व्यवस्था करने के लिए शराब, चावल, दाल और अन्य खाद्य पदार्थ मांगते हैं।
विदूषक द्वारा पहने जाने वाले इस मुखौटे में दो जोड़े लकड़ी के सींग, पीतल के छल्लों से बनी आंखें, धातु के दांत और पशु के चर्म युक्त बालों से बनी मूंछें हैं। प्रस्तुति के दौरान, विदूषक इस मुखौटे को पहन कर और हाथ में एक छड़ी लेकर दर्शकों का मनोरंजन करता है। वर्तमान में, मुरिया जनजाति में उत्सव की इस गौरवशाली परंपरा से इस तरह की दुर्लभ कलाकृतियाँ धीरे-धीरे विलुप्त हो रही हैं।
दर्शक इस का अवलोकन मानव संग्रहालय की अधिकृत साईट (https://igrms.com/wordpress/?page_id=1783) तथा फेसबुक (https://www.facebook.com/onlineIGRMS) पर के अतिरिक्त इंस्टाग्राम एवं ट्विटर के माध्यम से घर बैठे कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *